केदारनाथ में क्यों क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर? 7 लोगों की कैसे हुई मौत, जानें हर एक डिटेल्स

केदारनाथ में क्यों क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर? 7 लोगों की कैसे हुई मौत, जानें हर एक डिटेल्स

दिनांक 15 जून 2025 को हेली आर्यन कंपनी का एक हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ धाम यात्रा के लिए प्रातः 5:21 बजे गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी, क्रैश हो गया और उसमें सवार छह लोग और एक बच्चे की मौत हो गई। हेलीकॉप्टर को रविवार की सुबह  5:24 बजे वेली प्वाइंट के पास देखा गया था, जब हेलीकॉप्टर 6:13 बजे गुप्तकाशी नहीं पहुंचा तो इसकी जानकारी हेलीकॉप्टर कंपनी ने दी। इसके पश्चात तत्काल खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया गया। खोज के दौरान नेपाली मूल के एक व्यक्ति, जो घास काटने गया था, तथा गौरीकुंड के ऊंचाई क्षेत्र में घास एकत्र कर रही नेपाली महिलाओं से मिली जानकारी के अनुसार, उस जगह धुएं का गुबार देखा गया था।

घटना की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल को रवाना की गईं। सुरक्षादल की टीम गौरीकुंड से लगभग 5 किलोमीटर ऊपर स्थित गौरी में खड़क नामक स्थान पर पहुंची, जहां सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया जिसमें हेलीकॉप्टर के क्रैश होने और उसमें आग लग जाने से सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई। हादसे में कैप्टन राजबीर सिंह चौहान, विक्रम रावत, विनोद देवी, तृष्टि सिंह, राजकुमार सुरेश जायसवाल, श्रद्धा राजकुमार जायसवाल, काशी की मौत हो गई।

कैसे हुई दुर्घटना, जानें वजह

आर्यन कंपनी के एक पायलट ने नाम ना बताने की शर्त पर इंडिया टीवी को बताया है कि हेली कंपनी की तरफ से ईंधन बचाने का प्रेशर होता है, जिसके कारण निर्धारित ऊंचाई से नीचे हेली उड़ान भरते हैं और इस तरीके के हादसे होते हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच घाटी संकरी है जिसके कारण वहां पर काफी धुंध अचानक से आ जाता है, गरुड़ चट्टी और सोनप्रयाग तक अचानक बादल आ जाने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती है।

पायलट ने बताया कि कई बार खराब मौसम की गाइडलाइन्स को भी इग्नोर किया जाता है। एयरलाइन्स होड़ मे रहती है ज्यादा से ज्यादा उड़ान भरने की, क्योंकि उड़ान के लिए कोई निर्धारित नंबर नहीं है, नंबर  मौसम पर निर्भर करता है कि कितनी उड़ान भरी जा सकती है, इसलिए इस तरीके की खतरनाक उडानें भरी जाती हैं।

जानें हर एक डिटेल….

  • जब से केदारनाथ यात्रा शुरू हुई है अभी तक पांच हवाई हेली हादसे हो चुके हैं।
  • केदारनाथ धाम के लिए फिलहाल 8 हेली कंपनियां सेवाएं दे रही है और टोटल 9  हेलीपैड हैं। गुप्तकाशी से 2 हेली कंपनी वर्किंग है, फटा से 3 हेली कंपनी वर्किंग है, सिसरी से 3 हेली कंपनी वर्किंग है।
  • एक दिन में ये सभी कंपनियां मिलकर एवरेज 215 उड़ने भर रही हैं। पिछले 2 महीने से मौसम ठीक होने पर एक दिन में मैक्सिमम 290 उड़ानें भरी गईं हैं।
  • हेलीकॉप्टर में मैक्सिमम पायलट को मिलाकर 6 लोग बैठ सकते हैं। गौरीकुंड में जो हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ उसमें सात लोग थे क्योंकि एक दो साल का बच्चा था जिसका वजन 10 किलो था इसीलिए  कुल संख्या 7 थी।
  •  DGCA ने एक हफ्ते पहले उड़ानों की संख्या कम करने के निर्देश दिए थे जिसमें गाइडलाइंस ऐसी थी कि एक घंटे में केवल दो उडानें ही भरी जाएंगी अगर मौसम ठीक होता है तो मैक्सिमम तीन उड़ानें एक घंटे में भरी जा सकती हैं।
  • हेलीकॉप्टर में फ्यूल का वजन और टेंपरेचर देख कर ही यात्रियों को बैठाया जा सकता है, यानी अगर फ्यूल कम है तो मैक्सिमम लोग 6 होंगे, मगर 45 किलो का फ्यूल पूरा है तो यात्री कम बैठेंगे।
  • 2 साल पहले भी आर्यन हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ में क्रैश हुआ था। गरुड़चट्टी में 18 अक्टूबर 2022 में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था जिसमें 7 लोगों की मौत हुई थी।
  • इन दोनों हेलीकॉप्टर के क्रैश होने में काफी समानताएं हैं।