साल की सबसे बड़ी सायबर चोरी: 13 लाख भारतीयों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डेटा हैक
खास बातें
- 13 लाख भारतीयों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डेटा चोरी
- सिंगापुर की संस्था ग्रुप आईबी ने किया खुलासा
- एटीएम या पीओएस में स्किमर लगाकर चुराया गया डेटा
सिंगापुर स्थित एक ग्रुप आईबी सुरक्षा अनुसंधान की टीम ने डार्क वेब पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड के विवरण के एक बड़े डेटाबेस का पता लगाया है। ‘INDIA-MIX-NEW-01’ के रूप में डब किए गए डेटा दो संस्करणों में उपलब्ध हैं – ट्रैक-1 और ट्रैक-2। इनमें 13 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं के भुगतान से जुड़े पहचान शामिल हैं।
शुरुआती जांच में पता चला है कि इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण ट्रैक-2 डेटा चोरी हुआ है जो कार्ड के पीछे मैग्नेटिक स्ट्रिप में होता है। इसमें ग्राहक की प्रोफाइल और लेन-देन की सारी जानकारी होती है। ट्रैक-1 डेटा में सिर्फ कार्ड नंबर ही होते हैं, जो सामान्य है। कुल खातों में से 98 प्रतिशत भारतीय बैंकों का है और बाकी कोलंबियाई वित्तीय संस्थानों के हैं।
ग्रुप आईबी द्वारा साझा किए गए स्क्रीन-शॉट के अनुसार, प्रत्येक कार्ड 100 डॉलर (लगभग 7,092 रुपये) में बेचा जा रहा है और कुल मिलाकर, इसकी कीमत 130 मिलियन डॉलर (लगभग 921.99 करोड़ रुपये) से अधिक है, जिससे यह अबतक की डार्क वेब पर बिक्री के लिए रखा जाने वाला सबसे कीमती वित्तीय जानकारी बन गई है।
ग्रुप-आईबी के शोधकर्ताओं ने बताया कि, जोकर्स स्टैश नामक एक डार्क वेब साइट ने भारत से 13 लाख से अधिक क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डेटा डंप किया है।
जैसा कि पहले जेडडीनेट (ZDNet) द्वारा रिपोर्ट किया गया था, शोधकर्ताओं को इसका पता 28 अक्टूबर को चला था। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह सबसे बड़ा है और डार्क वेब पर अबतक किए गए सबसे मूल्यवान डेटाबेस अपलोड में से एक है।
यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि किन बैंकों से समझौता किया गया है। हालांकि, ग्रुप-आईबी ने कहा कि 18 प्रतिशत से अधिक कार्ड एकल भारतीय बैंक से संबंधित थे। हमने अधिक जानकारी के लिए सायबर सुरक्षा कंपनी से जानकारी मांगी है और इस बारे में हमें जैसे ही कुछ पता चलता है हम लोगों को बताएंगे।