सोनीपत । महिला पहलवान बबीता फौगाट ने तीनों कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों को राजनीति से दूर रहने की नसीहत दी है। उन्होंने अपने गांव दादरी में प्रवेश के दौरान किये गए विरोध को गलत बताया। बेटे के साथ गांव जाने के दौरान आंदोलनकारियों द्वारा किये गए उग्र विरोध की बात करते-करते बबीता के आंसू छलक गए। बबीता ने कहा, किसान इस तरह की हरकत नहीं कर सकते, ये विपक्षियों की शह पर किया जा रहा है। किसान होते तो बातचीत का रास्ता बंद नहीं करते और जिद नहीं ठानते।

भाजपा नेता बबीता ने कहा कि कृषि आंदोलनकारियों को अपनी जिद छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिये। कानून की खामियां बताते हुए सरकार को प्रस्ताव देना चाहिये। आंदोलनकारियों की हरकत को लेकर पत्रकारों से बात करने के दौरान बबीता भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि जब मैंने मेडल जीते थे तो किसी एक क्षेत्र या एक एक समाज के लिए नही जीते थे। आज उनकी गाड़ी पर डंडे बरसाए जा रहे हैं, गालियां दी जा रही है। किसान वास्तव में ऐसी हरकत कभी नहीं कर सकते।

कृषि कानून विरोधियों ने दिखाए थे काले झंडे

दरअसल, पहलवान से नेता बनीं बबीता फोगाट रविवार को अपने गांव जाने के दौरान कृषि कानून विरोधियों का सामना करना पड़ा था। भाजपा नेता और हरियाणा महिला विकास निगम की चेयरमैन बबीता के विरोध में कथित किसानों ने काले झंडे दिखाए थे और सड़क पर लेट गए थे। इसकी वजह से उन्हें अपना कार्यक्रम रद करना पड़ा था। हालात को संभालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बबीता फोगाट केंद्र की मोदी सरकार के सात पूरे होने पर एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाली थीं। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार की उपलब्धियां बताने के लिए आयोजित किया गया था।

बता दें कि साल 2019 में बबीता फोगाट भाजपा में शामिल हुई थीं। उन्होंने विधानभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा था लेकिन हार गई थीं। बबीता फोगाट राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीत चुकी हैं।