लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अवैध वाहन स्टैंड व पार्किंग संचालकों पर सख्त कार्रवाई करने जा रही है। हर जिले में चलने वाले अभियान के दौरान चिह्नित संचालकों पर गैंगस्टर व गुंडा एक्ट लगेगा। इतना ही नहीं अवैध वसूली से अर्जित संपत्ति भी जब्त की जाएगी। सड़क सुरक्षा के लिए हर जिले में अवैध पार्किंग व वाहन स्टैंड खत्म होंगे। इसके लिए 24 घंटे में ही विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया गया है।

ये कदम सड़क सुरक्षा के लिए अवैध पार्किंग व वाहन स्टैंड खत्म करने के तहत उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग में जो निर्देश अफसरों को दिए थे, उसी संबंध में विस्तृत शासनादेश जारी हो गया है।

आदेश में कहा गया है कि प्रदेशभर के अधिकारियों को सख्त निर्देश हैं कि सड़क किनारे अवैध अतिक्रमण या पार्किंग और स्टैंड आदि पर प्रभावी कार्रवाई की जाए। सड़कों के किनारे अवैध रूप से वाहन खड़े होने पर नगर निगम, विकास प्राधिकरण, परिवहन व पुलिस विभाग क्रेन लगाकर वाहनों को जब्त करें।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को भेजे आदेश में लिखा है कि फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना कोई भी वाहन मसलन, स्कूल बस, प्राइवेट बस, ट्रक, दो व चार पहिया वाहन नहीं चलने चाहिए। वाहनों की ओवरलोडिंग रोकी जाए।

अवैध पार्किंग व स्टैंड संचालकों के विरुद्ध 24 घंटे में प्रदेश के हर जिले में अभियान चलाकर गैंगस्टर व गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। साथ ही अवैध वसूली से अर्जित संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई हो। यह भी निर्देश है कि बड़े शहरों के प्रवेश द्वार पर वाहन खड़े न होने पाएं। सड़कों के किनारे पार्किंग या ढाबों पर वाहन खड़े पाए जाने पर संबंधित ढाबा मालिक के विरुद्ध कार्रवाई करें।

इस दौरान सड़क सुरक्षा के संबंध में जनजागरूकता के कार्यक्रम होंगे। बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए जागरूक करने के विशेष प्रयास करने चाहिए। प्रधानाचार्यों, प्राचार्यों, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकाधिक प्रयोग करें। स्कूली बच्चों द्वारा डिबेट, निबंध लेखन व प्रभातफेरी निकाली जानी चाहिए। जागरूकता के साथ-साथ सख्ती पर भी सरकार का पूरा जोर है।

स्टंट पर सख्ती से लगाएं लगाम : सड़क और ओवरब्रिज स्टंट करने की जगह नहीं हैं। उन्हें जागरूक करने के साथ ऐसी अराजकता पर सख्ती से लगाम लगाई जाए। हेलमेट, सीटबेल्ट के प्रयोग को अनिवार्य रूप से कड़ाई के साथ लागू किया जाए। राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर ओवरस्पीड के कारण आए दिन दुर्घटनाओं की सूचना मिलती है। ऐसे में गतिमापन, त्वरित चिकित्सा सुविधा, सीसीटीवी आदि व्यवस्था को और बेहतर करने की जरूरत है। संबंधित प्राधिकरण इस दिशा में गंभीरता से विचार करते हुए काम करें। राजमार्गों पर ट्रकों की कतार नहीं लगनी चाहिए। एंबुलेंस रिस्पांस टाइम को और कम करें।

स्कूलों को दे दें धर्मस्थलों से उतारे गए लाउडस्पीकर : प्रदेश में सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों पर अनावश्यक रूप से लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटाने में सफलता पाई है। लाउडस्पीकर की आवाज संबंधित परिसर के भीतर ही रहेगी, किसी भी दशा में धर्मस्थलों पर फिर से लाउडस्पीकर लगने नहीं चाहिए। दोबारा लाउडस्पीकर लगने पर थानाध्यक्ष, क्षेत्राधिकारी, उपजिलाधिकारी व सिटी मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होंगे। यह भी निर्देश हैं कि विभिन्न जिलों में जो लाउडस्पीकर लोगों ने हटाए हैं, उन्हें बातचीत के माध्यम से आवश्यकतानुसार पास के स्कूलों की प्रार्थना सभा के लिए उपलब्ध कराने में सहयोग करें या पब्लिक एड्रेस सिस्टम में उपयोग होना चाहिए। धार्मिक गुरुओं से संपर्क करके सार्वजनिक मार्गों पर कार्यक्रम न करने के निर्देश दिए गए हैं।

कोरोना से अधिक मौतें सड़क हादसों में : शासनादेश में 2021 में 37729 सड़क दुर्घटनाओं में 21227 व्यक्तियों की मौत हुई और 24897 लोग घायल हुए। मृतकों में 72 प्रतिशत से अधिक लोग 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के हैं। वहीं, कोरोना काल के दो वर्ष में यूपी में 23514 व्यक्तियों की मौत हुई। युवाओं की मौत सड़कों पर ब्लैक स्पाट, ओवर स्पीडिंग और डग्गामार वाहनों की वजह से हुई है। इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी है।

 

ये भी निर्देश

  • एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग की सड़क, नगर व अन्य मार्गों के किनारे अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए सघन अभियान चलाया जाए।
  • स्पीड ब्रेकर बनाते समय लोगों की सुविधा का ध्यान भी रखें। स्पीड ब्रेकर टेबल टाप हों। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं, मरीजों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। खराब डिजाइनिंग की वजह से अक्सर लोग स्पीड ब्रेकर के किनारे से वाहन निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे दुर्घटना भी होती हैं।
  • ओवरलोडिंग रोकने के लिए भूतत्व व खनिकर्म के साथ ही परिवहन विभाग मिलकर संयुक्त अभियान चलाए। ट्रकों व बसों की निर्धारित क्षमता का ध्यान रखा जाए और उसका कड़ाई से अनुपालन हो।
  • हर स्कूल व संस्थानों में रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया जाए और स्वैच्छिक संगठनों को जागरूकता अभियान से जोड़े।
  • सड़क सुरक्षा अभियान के दूसरे चरण में प्रवर्तन पर जोर रहेगा। पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कड़ाई से कराया जाए।