अब 250 रुपये में प्राइवेट अस्‍पतालों में मिलेगी कोविड वैक्सीन की डोज, पहली मार्च से 20 हजार निजी केंद्रों पर लगेगा टीका

अब 250 रुपये में प्राइवेट अस्‍पतालों में मिलेगी कोविड वैक्सीन की डोज, पहली मार्च से 20 हजार निजी केंद्रों पर लगेगा टीका

नई दिल्ली । पहली मार्च से निजी केंद्रों पर टीकाकरण की इजाजत के बाद सरकार इसकी कीमत तय करने की ओर भी कदम बढ़ा रही है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि निजी अस्पताल कोरोना के टीके की एक डोज के लिए अधिकतम 250 रुपये ले सकेंगे। पहली मार्च से 60 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्गो के लिए और 45 से 59 साल के ऐसे लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया जाएगा, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। सरकारी अस्पतालों में टीका मुफ्त लगाया जाएगा, जबकि निजी केंद्रों पर कीमत देकर टीका लगवाया जा सकेगा।

सूत्रों ने बताया कि टीकाकरण के लिए 250 रुपये की अधिकतम सीमा तय की जाएगी। इसमें 150 रुपया टीके की कीमत है और 100 रुपये सर्विस चार्ज के तौर पर वसूलने की अनुमति होगी। राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया था कि कोविन या आरोग्य सेतु के जरिये रजिस्ट्रेशन कराते हुए पात्र लोग टीका लगवा सकेंगे। इन डिजिटल प्लेटफार्म पर उन्हें नजदीकी सरकारी एवं निजी टीकाकरण केंद्रों एवं वहां उपलब्ध तारीख व समय की जानकारी मिल जाएगी। लोग अपनी इच्छा से केंद्र चुन सकेंगे। इनके साथ-साथ टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा भी दी जाएगी।

सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाया गया टीका 

देशव्यापी टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया है। अब जबकि इस प्राथमिकता समूह में करीब आधे लोगों का टीकाकरण हो चुका है, तब सरकार अन्य प्राथमिकता समूहों के टीकाकरण की ओर कदम बढ़ा रही है। टीकाकरण की गति को तेज करने के लिए पहली मार्च से शुरू हो रहे टीकाकरण के अगले चरण में निजी स्वास्थ्य केंद्रों को भी शामिल करने का फैसला किया गया है, जहां कीमत चुकाकर टीका लगवाया जा सकेगा।

राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि निजी केंद्रों पर टीकाकरण अभियान के लिए पर्याप्त जगह हो। साथ ही मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन किया जाए। टीका लगवाने के लिए आधार एवं विभिन्न चिह्नित पहचान पत्रों में से कोई पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। 45 से 59 साल की उम्र के लोगों को अपनी बीमारी से जुड़ा सर्टिफिकेट रखना होगा।

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