नागपुर हिंसा पर CM देवेंद्र फडणवीस की चेतावनी- ‘किसी को नहीं छोड़ेंगे ‘, VHP-बजरंग दल पर क्या कहा?

महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवादों के बीच हुई हिंसा को लेकर जुबानी जंग जारी है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुट्ठीभर लोग इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे शहर का नाम खराब होता है और सामाजिक सौहार्द भी बिगड़ता है.
इंटरव्यू में फडणवीस ने कहा, ”1992 के बाद पहली बार नागपुर में इस तरह का तनाव देखने को मिला. नागपुर की संस्कृति के कारण हालात जल्दी नियंत्रित हो गए, लेकिन जो हुआ वह सही नहीं था.”
कैसे नागपुर में फैली हिंसा?
माझा विज़न कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ”वीएचपी और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र जलाने का कार्यक्रम रखा था. सुबह आंदोलन के बाद शांति थी, लेकिन दोपहर के बाद कुछ यूट्यूबर्स ने यह अफवाह फैलाई कि औरंगजेब की कब्र पर जो चादर चढ़ाई गई थी, उस पर कुरान की आयतें लिखी थीं. जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं था. इसके बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डाली गईं, जिससे शाम होते-होते भीड़ ने तोड़फोड़ और पथराव करना शुरू कर दिया. पुलिस पर हमला किया गया, लेकिन पुलिस ने बहादुरी से स्थिति को संभाला. डीसीपी निकेतन कदम पर तो कुल्हाड़ी से हमला किया गया.”
फडणवीस की चेतावनी
देवेंद्र फडणवीस ने चेतावनी देते हुए कहा, ”इस हिंसा के पीछे एक मास्टरमाइंड मालेगांव का है, जो नागपुर आकर यह सब क्यों कर रहा था? इसकी जांच होगी. जिन लोगों ने माहौल बिगाड़ा, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. हमने वीएचपी और बजरंग दल के लोगों पर भी मामले दर्ज किए हैं. अगर पुलिस पर हमला बर्दाश्त किया गया, तो राज्य में कानून-व्यवस्था नहीं रह पाएगी. इसलिए हम दोषियों को सबक सिखाएंगे.”
सीएम ने नागपुर पुलिस का बचाव करते हुए कहा की नागपुर में हुई हिंसा को इंटेलिजेंस की विफलता नहीं कहा जा सकता, लेकिन दोपहर के बाद जिस तरह सोशल मीडिया पर निगरानी रखनी चाहिए थी, वैसा नहीं हुआ. भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गईं. हमारे पास सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की क्षमता है, लेकिन इसे इस्तेमाल करने की आदत डालनी होगी. अब हिंसा सड़कों पर कम और सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा होती है.
नागपुर हिंसा
छत्रपति संभाजीनगर जिले में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र स्थित है. इसे हटाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान धार्मिक पंक्तियां लिखी हुई चादर जलाए जाने की अफवाह के कारण सोमवार (17 मार्च) को नागपुर में हिंसा हुई.
इस मामले में अब तक 12 एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें 4 साइबर पुलिस ने और 8 लोकल नागपुर पुलिस ने दर्ज की है. अब तक 100 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है.