H1-B VISA पर 88 लाख का शुल्क वापस लें ट्रंप, अमेरिकी सांसदों ने लिखी चिट्ठी, कहा-भारत से संबंधों को हो रहा नुकसान

H1-B VISA पर 88 लाख का शुल्क वापस लें ट्रंप, अमेरिकी सांसदों ने लिखी चिट्ठी, कहा-भारत से संबंधों को हो रहा नुकसान

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन: अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एच1-बी वीजा को लेकर जारी अपने उस आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है, जिसमें नए आवेदनों पर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर यानि 88 लाख रुपये का शुल्क लगाने का प्रावधान है। सांसदों का कहना है कि भारतीय नागरिक अमेरिकी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) क्षेत्रों में अमेरिका के नेतृत्व को मजबूती दे रहे हैं और ऐसी प्रतिबंधात्मक नीतियां अमेरिका-भारत रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

इन सांसदों ने लिखी चिट्ठी

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य जिमी पनेटा, कांग्रेस के अमी बेरा, सालुद कार्बाजल और जूली जॉनसन ने एक पत्र में ट्रंप से यह अनुरोध किया कि इस भारी भरकम शुल्क को वापस लिया जाना चाहिए। सांसदों ने ट्रंप के उस आदेश पर चिंता व्यक्त की, जिसमें कुछ गैर-प्रवासी श्रमिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है और इस पर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क भी निर्धारित किया गया है।

एच1-बी वीजा अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भारत के साथ संबंधों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण 

अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को लिखे पत्र में कहा है कि एच1-बी वीजा कार्यक्रम अमेरिकी अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के लिए जितना महत्वपूर्ण है, वह उतना भारत के साथ अमेरिकी रिश्तों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है। सांसदों ने ट्रंप का ध्यान उस ओर भी आकर्षित कराया कि खासकर जब चीन कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उच्च तकनीकी क्षेत्रों में तेजी से निवेश कर रहा है तो ऐसे में भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए यह प्रतिभा आकर्षित करना आवश्यक है। सांसदों ने ट्रंप से आग्रह भी किया कि वे 19 सितंबर को की गई घोषणा पर पुनर्विचार करें और ऐसी किसी नीति को लागू न करें जो एच1-बी कार्यक्रम तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दे।