‘तहव्वुर राणा को बिरयानी देने की जरूरत नहीं…’, भड़क उठे 26/11 के हीरो; बोले- तुरंत फांसी दो

‘आतंकवादियों के लिए हो अलग कानून’
मोहम्मद तौफीक ने कहा
भारत को तहव्वुर राणा को जेल में खास सेल, बिरयानी और वैसी सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है।उन्होंने यह भी मांग की कि आतंकवादियों से निपटने के लिए अलग कानून होने चाहिए। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उन्हें 2-3 महीने में फांसी हो जाए।
US में राणा की याचिका खारिज हो गई थी
7 अप्रैल को, संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने तहव्वुर राणा की भारत में उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। राणा ने 20 मार्च, 2025 को मुख्य न्यायाधीश रॉबर्ट्स के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिसमें उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की गई।सोमवार, 7 अप्रैल को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया, ‘मुख्य न्यायाधीश को संबोधित और न्यायालय को संदर्भित स्थगन के लिए आवेदन अस्वीकार किया जाता है।
26 नवंबर 2008 को हुआ था आतंकी हमला
मुंबई अपराध शाखा के अनुसार, राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला नवंबर 2008 के घातक हमलों के बाद दिल्ली में एनआईए द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।