रायपुर अधिवेशन के बाद राजस्थान को मिलेगा नया CM, पायलट खेमे के विधायक का दावा

रायपुर अधिवेशन के बाद राजस्थान को मिलेगा नया CM, पायलट खेमे के विधायक का दावा

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के 25 सितंबर की घटना पर एक्शन नहीं लेने की बात कहने पर कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि पायलट के नेतृत्व में 2023 का चुनाव लड़ा जाना चाहिए. वहीं उन्होंने दावा किया कि रायपुर अधिवेशन में राज्य को लेकर फैसला हो सकता है.

New Delhi : राजस्थान की सियासत में एक बार फिर पायलट और गहलोत खेमे के बीच सियासी वॉर शुरू हो गया है. हाल में दिए गए एक इंटरव्यू में प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 25 सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाने के लिए जिम्मेदार नेताओं पर एक्शन में देरी पर दो टूक बात कही. इसके बाद पायलट खेमा तुरंत सक्रिय दिखाई दिया और सूबे की सियासत में बयानबाजी का दौर फिर शुरू हो गया. इसी कड़ी में पायलट समर्थक कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा के एक बयान से फिर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. बैरवा ने गुरुवार को कहा कि पायलट के नेतृत्व में 2023 का चुनाव लड़ा जाना चाहिए. वहीं उन्होंने दावा किया कि रायपुर अधिवेशन में राजस्थान को लेकर फैसला हो सकता है

वहीं 25 सितंबर की घटना को लेकर बैरवा ने कहा कि जब तक कोई केस बंद नहीं होता है तब तक कार्रवाई कभी भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि एफआर लगने तक केस खुला रहता है. इसके अलावा एससी आयोग के अध्यक्ष बैरवा ने कहा कि सीएम गहलोत पार्टी के लिए फिक्स डिपोजिट की तरह है और पायलट वर्किंग कैपिटल है.

मालूम हो कि बुधवार को पायलट ने कहा था कि गहलोत गुट के विधायकों ने किसके दबाव में इस्तीफे दिए थे इसकी जांच होनी चाहिए. माना जा रहा है कि पायलट ने सितंबर की बगावत का मसला फिर उठाकर कड़े तेवर दिखाए हैं. वहीं इससे पहले भी पायलट गहलोत गुट पर एक्शन लेने की मांग कर चुके हैं.

कांग्रेस के वर्किंग कैपिटल है पायलट

गुरुवार को बैरवा ने सचिन पायलट से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद कहा कि रायपुर अधिवेशन के बाद पायलट को कभी भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. उन्होंने राहुल गांधी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भले ही राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को एसेट बताया लेकिन पायलट कांग्रेस की वर्किंग कैपिटल हैं और गहलोत फिक्स डिपॉजिट हैं.

बैरवा ने कहा कि अब सचिन पायलट जैसे युवाओं को कमान सौंपना होगी. वहीं बैरवा ने 25 सितंबर की घटना पर बोलते हुए कहा कि अब तक तीनों नेताओं पर कार्रवाई नहीं होने से पार्टी को नुकसान हुआ है.

बता दें, खिलाड़ी लाल बैरवा इससे पहले भी कई बार सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग कर चुके हैं. वहीं एक समय में विधायक बैरवा गहलोत समर्थक माने जाते थे लेकिन मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद बैरवा पायलट खेमे की पैरवी करने लगे.

मुख्यमंत्री आलाकमान तय करेगा : बैरवा

बैरवा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान करता है और हमेशा से यही होता रहा है और उसमें विधायकों की कोई भूमिका नहीं होती है. हालांकि, पहले कभी ऐसी स्थितियां नहीं आई थी. उन्होंने कहा कि अब भी एक झटके में जब निर्णय होगा तो पता नहीं चलेगा कि कौन बन गया कौन हट गया. वहीं विधायक दल की बैठक पर बैरवा ने कहा विधायक दल की बैठक तो जब उचित समय आएगा तब बुला ली जाएगी.

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