दिल्ली में कोरोना से मारने वालों को जलाने की समस्या, नगर निगम ने वन विभाग से मांगी मदद

दिल्ली में कोरोना से मारने वालों को जलाने की समस्या, नगर निगम ने वन विभाग से मांगी मदद
  • Delhi Coronavirus Death: दिल्ली में लगातार कोविड मरीजों की मौत के आंकड़े बढ़ रहे है जिसकी वजह से अब शमशान घाटों पर दाह संस्कार के लिए लकड़ियां भी कम पड़ने लगी हैं.

नई दिल्ली:  दिल्ली में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. अस्पतालों बेड के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं. अब कोरोना से होने वाली रिकॉर्ड मौत के बाद श्मशान घाट में लकड़ियों की कमी होने लगी है. इसे लेकर उत्तरी दिल्ली के महापौर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को खत लिखा है. जिसमें दिल्ली के फॉरेस्ट विभाग से लकड़ी दिलाने की मांग की गयी है. मरने वालों की संख्या को देखते हुए इस खत में 100 शव वाहनों की मांग भी की गयी है. दरअसल लगातार हर दिन कोविड मरीजों की मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह से नगर पालिका के श्मशान घाटों में लकड़ी की कमी होने लगी है.

जानकारी के मुताबिक पिछले कई दिनों से दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब कोरोना से होने वाली मौत की संख्या भी बढ़ गई है. नगर पालिका की एजेंसियों ने लकड़ी की व्यवस्था करने के लिए राज्य के वन विभाग से संपर्क किया है. इस समस्या को दूर करने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सूखे गोबर को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाए. वहीं दूसरी लहर के आने से पहले शहर के सबसे बड़े निगमबोध घाट श्मशान घाट में हर दिन 6,000-8,000 किलोग्राम लकड़ी की जरूरत होती थी, लेकिन अब 80,000-90,000 किलोग्राम लकड़ी की जरूरत हर दिन होती है.

एमसीडी ने दिल्ली सरकार से मांगी मदद
नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश ने बताया कि श्मशान घाटों में लकड़ी का स्टॉक तेजी से घट रहा है. इसलिए नगर निगम को पार्किंग स्थल और पार्कों में श्मशान सुविधाएं बनानी पड़ेगी. वहीं अब लकड़ी की आवश्यकता भी काफी बढ़ गई है इसलिए दिनभर लकड़ी की मांग को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार के सहयोग की जरूरत है. शहर के वन विभाग ने बताया कि उसे लकड़ी के लिए नगरपालिका एजेंसियों से अनुरोध प्राप्त हुए हैं. वहीं उप संरक्षक आदित्य मदनपोत्रा ​​ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने क्षेत्र परिवहन निगम को दिल्ली में क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण करने की अनुमति दी है, जिससे अब कम से कम 500 पेड़ों की लकड़ी को इस्तेमाल में लिया जा सकता है. वहीं एसडीएमसी ने दिल्ली सरकार से सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि पड़ोसी राज्यों से लकड़ी की आपूर्ति बिना किसी बाधा के शहर तक हो सके.

 

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