मनीष सिसोदिया का यूपी के मंत्रियों को ओपन चैलेंज, बोले- 22 दिसंबर को आ रहा हूं लखनऊ

मनीष सिसोदिया का यूपी के मंत्रियों को ओपन चैलेंज, बोले- 22 दिसंबर को आ रहा हूं लखनऊ

नई दिल्ली : अब यह तय हो चुका है कि वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में आम आदमी पार्टी और  यूपी में सत्तासीन आम आदमी पार्टी के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। इस बीच बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डिजिटल प्रेसवार्ता कर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की तो उत्तर प्रदेश के कई मंत्री सामने आए और उन्होंने स्कूलों की स्थिति पर हमें बहस करने की चुनौती दी।

इस पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि गूगल पर सर्च कर उत्तर प्रदेश के स्कूलों के बारे में डिलेट उपलब्ध है कि वहां के स्कूलों की दशा कैसी है? उत्तर प्रदेश के 28 हजार स्कूलों में बिजली नहीं है। 53 हजार स्कूलों में फर्नीचर नहीं हैं। तमाम स्कूलों में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं हैं। इसके साथ ही और भी कई तमाम समाचार उत्तर प्रदेश के स्कूलों को लेकर हैं।

इस पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि योगी जी ने चार साल बहुत मौज कर ली है, या तो अब स्कूलों की दशा सुधार लीजिए, नहीं तो आम आदमी पार्टी आ रही है जनता आप को हटा देगी। मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने मुझे चुनौती दी है कि हम आकर उनके स्कूलों को देख लें। मुझे ये दोनों चुनौतियां स्वीकार हैं। आने वाले मंगलवार यानी 22 दिसंबर को लखनऊ पहुंच रहा हूं। किस से बहस करनी है, योगी जी से बहस करनी है या किसी मंत्री से बहस करनी है। आप मुझे बता दें कि कहां मिलना है। हम जनता के सामने स्कूलों पर चर्चा करेंगे। आज समय बता दीजिए। हम बहस करने को तैयार हैं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने बहस की चुनौती स्वीकार की है, मगर एक निवेदन है कि आप पीछे मत हटा जाना। इसके साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आप बता दें कि आप लोगों की सरकार ने पिछले 4 साल में कौन से 10 स्कूलों की दशा सुधारी हो। हम ओपन बहस करेंगे दिल्ली सरकार और उत्तर प्रदेश के स्कूलों की दशा पर बहस होगी। उन्होंने कहा कि हमारी पहली सरकार है जो पिछले 5 सालों में कुल बजट का 25 फीसद शिक्षा पर खर्च करती रही है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड, अमेरिका, जर्मनी आदि में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया।

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