नोएडा को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी, जानें कौन हैं नए डीएम सुहास एल वाई

नोएडा को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी, जानें कौन हैं नए डीएम सुहास एल वाई
हाइलाइट्स
  • बैडमिंटन चैंपियन IAS अधिकारी सुहास एल वाई बने नोएडा के नए जिलाधिकारी
  • कुंभ-2019 में शानदार काम कर चुके सुहास के सामने है कोरोना की बड़ी चुनौती
  • दिव्यांग सुहास एल वाई अपने शानदार प्रशासनिक अनुभव के कारण जाने जाते हैं
  • नोएडा के डीएम बीएन सिंह ने सीएम योगी की फटकार के बाद खुद ही मांगी छुट्टी

नोएडा
कोरोना वायरस से जूझ रहे नोएडा को बचाने के लिए आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई को जिले की जिम्मेदारी दी गई है। दमदार प्रोफाइल और सटीक काम के लिए चर्चित सुहास दिव्यांग हैं एशियन पैरालंपिक बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीत चुके सुहास लालिनाकेरे यथिराज गौतम बुद्ध नगर जिले के नए जिलाधिकारी बनाए गए हैं। इससे पहले आजमगढ़, जौनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बीएन सिंह ने खुद चिट्ठी लिखकर पद से हटाने की मांग की थी।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर नोएडा में मीटिंग करने पहुंचे सीएम योगी ने बीएन सिंह को काम में लापरवाही को लेकर बुरी तरह डांटा। सीएम योगी से डांट खाने के बाद बीएन सिंह ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह गौतम बुद्ध नगर जिले के डीएम नहीं रहना चाहते हैं। इसके बाद उन्हें हटा दिया गया और सुहास एल वाई को यह जिम्मेदारी दे दी गई।

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बैडमिंटन के चैंपियन हैं IAS सुहास

दिव्यांग सुहास एल वाई कर्नाटक के शिमोगा के मूल निवासी हैं। काफी दिनों तक क्रिकेट खेलने के बाद उनका नाता बैडमिंटन जुड़ा। 2007 में आईएएस अधिकारी बने सुहास एल वाई ने आईएएस एकेडमी से ही बैडिंटन खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे वह इसमें काफी आगे निकल गए। वह आईएएस बना आईपीएस बैडमिंटन प्रतियोगिता भी जीत चुके हैं। प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ सुहास एल वाई अपने खेल को भी पर्याप्त समय देते हैं। इसी साल तोक्यों में होने वाले पैरालिंपिक गेम्स के लिए भी उनकी तैयारी चल रही थी। हालांकि, अब कोरोना के कारण ओलंपिक और पैरालिंपिक गेम्स अगले साल के लिए टल चुके हैं, उससे पहले सुहास को भी कोरोना से खिलाफ जंग लड़नी है।

प्रयागराज कुंभ में दिखाई क्षमता
साल 2019 में प्रयागराज कुंभ के दौरान सुहास एल वाई जिले के डीएम थे। इस दौरान क्राउड मैनेजमेंट से लेकर शहर की साफ-सफाई और साज-सज्जा हर काम को सुहास ने बेहतरीन तरीके से निभाया। अपने काम के दम पर ही सुहास एल वाई यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा अफसरो में शुमार हैं। यही कारण है कि मुश्किल हालात में इन्हें नोएडा की जिम्मेदारी दी गई है।

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प्रधानमंत्री मोदी का भी भरोसा जीता

प्रशासनिक अनुभव
मसूरी में ट्रेनिंग के बाद आगरा में असिस्टेंट मैजिस्ट्रेट की कुर्सी संभालने वाले सुहास एल वाई यूपी सरकार के योजना विभाग में स्पेशल सेक्रेटरी थे। इसके पहले वह आजमगढ़ में जॉइंट मैजिस्ट्रेट, मथुरा में मुख्य विकास अधिकारी, महाराजा गंज, हाथरस और सोनभद्र में डीएम रहे। फिर जौनपुर और आजमगढ़ की जिम्मेदारी भी संभाली। पांच महीने के लिए प्रदेश सरकार के एक्साइज डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी बने। साल 2017 के अक्टूबर में प्रयागराज के डीएम बने। यहां 20 फरवरी 2019 तक पद संभाला।

पुलिस और प्रशासन में तालमेल नहीं
मालूम हो कि प्रदेश में कोविड-19 के सबसे ज्यादा 38 मामले नोएडा में पाए गए हैं। उनमें से 31 मामले एक फैक्ट्री के कर्मचारियों के हैं। सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को उस फैक्ट्री में तालाबंदी नहीं किए जाने पर जोरदार फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाली इसी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इसके बाद जिलाधिकारी बीएन सिंह ने गौतम बुद्ध नगर के डीएम पद से खुद को मुक्त करने की मांग कर डाली।

इस बीच, नोएडा से प्राप्त समाचार के मुताबिक, नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद से यहां के पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदारियों को एक-दूसरे पर डाल रहे हैं। सोमवार को भी मुख्यमंत्री के सामने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच का मतभेद उभरकर सामने आया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अख्तियार किया।

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