भारतीय समाज मे नारी की तुलना देवीय शंक्ति से कर सम्मान दिया जाता है, नारीशक्ति समाज व राष्टर निर्माण के लिये काम करे – बीके संगीता बहन

नकुड 8 मार्च इंद्रेश। ब्रहमकुमार संगीता बहन ने नारी को परिवार व समाज का स्तंभ बताते हुए कहा कि भारतीय समाज मे नारी की तुलना देवी से की जाती रही है। नारी शक्ति को स्वंय अपने महत्व का अहसास कर समाज व राष्टर को दिशा देने का काम करना है।
बीके संगीता बहन यंहा क्षेत्र पंचायत के सभागार में अंतर्राष्टरीय महिला दिवस के मौके पर ब्रहमकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित क्षेत्र की महिला जनप्रतिनिधियो व समाज मे अग्रणी भूमिका निभाने वाली व्महिलाओ को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि सृष्टि के आदि से ही समाज मे महिलाओ का सम्मान रहा है। जो उसके सयंम ,सहनशीलता, त्याग, समर्पण, स्नेह , शांति जैसे गुणो के कारण है।
भारतीय समाज मे नारी का नाम भगवान से भी पहले लिया जाता है। राधे श्याम, सीता राम जैसे शब्द बताते है कि नारी को कितना सम्मान दिया जाता है। पंरतु वर्तमान में आर्थिक उन्नति व नारी सशक्तिकरण की होड में नारी अपने स्वभाविक गुणो से विमुख हो रही हैं । जिससे जीवन में कलह, अशांति बढ रही है। परिवार टूट रहे है। बच्चो पर पर्याप्त ध्यान व सकारात्मक परवरिश का अभाव होने से वे सोशल मिडिया का शिकार बन नकारात्मकता का शिकार हो रहे है। इस तश्य पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। महिला व पुरूष परिवार रूपी वाहन के दो पहिये है। पंरतु बराबर होने के अहंकार से परिवारो मे विघटन बढ रहा है। उन्होंने नारी को अपने मूल गुणो के साथ समाज को सभांलने की जिम्मदारी निभाने का आहावान किया।
इस मौके पर डा0 उर्वशी चैहान, डा0 मिनाक्षी सैनी, शेरमउ की प्रधान, कुमलेश चैधरी, बीके एकता, सतीश कुमार, अशोक, पवन , ािद उपस्थित रहे।