स्वास्थ्य विभाग में फर्जी ऑफर लेटर से भर्ती, आठ स्टाफ नर्स को निकाला

स्वास्थ्य विभाग में फर्जी ऑफर लेटर से भर्ती, आठ स्टाफ नर्स को निकाला

स्वास्थ्य विभाग में संविदा के पदों पर केंद्र सरकार की एजेंसी सैम्स (स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विस) के फर्जी ऑफर लेटर से नौकरी हासिल करने का खुलासा हुआ है।

शुरुआती जांच में जिले में आठ स्टाफ नर्स का ऑफर लेटर फर्जी पाया गया, जिसके बाद आनन-फानन में इनकी संविदा समाप्त कर दी गई। पश्चिम यूपी के अन्य जिलों में भी ऐसा ही फर्जीवाड़ा होने की आशंका है। इसके पीछे कोई गैंग सक्रिय हो सकता है। इसलिए साल 2019 में इस तरह की नियुक्तियों की जांच शुरू हो गई है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दो माह पहले स्टाफ नर्स की नियुक्ति की गई थी। शक होने पर स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लखनऊ मिशन निदेशक को पत्र लिखकर ऑफर लेटर की जांच का अनुरोध किया।

स्वास्थ्य मिशन ने केंद्र सरकार की एजेंसी सैम्स से स्टाफ नर्स की बाबत पूछा। एजेंसी ने इनके ऑफर लेटर फर्जी बता दिए। सीएमओ डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया कि फर्जी ऑफर लेटर से नियुक्ति पाने वाली आठ स्टाफ नर्स को हटा दिया गया है। जांच चल रही है, अगर अन्य संविदाकर्मियों के ऑफर लेटर फर्जी होंगे, तो उन्हें भी हटाया जाएगा।

इन्होंने हासिल की थी फर्जीवाड़े की नौकरी
चिरचिटा गांव की राखी, मुजफ्फरनगर के बिटावदा की साक्षी, मेरठ की वंदना, गाजियाबाद के पतला की रेणु, डौलचा की उर्मिला, मेरठ के सरधना की मोहिनी भारद्वाज, मेरठ के चौबला की अर्चना कुमारी, मेरठ के टीपीनगर की कविता। इन लोगों ने सीएचसी बिनौली, बागपत, पिलाना, छपरौली और खेकड़ा में फर्जी ऑफर लेटर से ज्वाइन किया था।

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