हरिद्वार।  सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर आज मकर संक्रांति पर्व मनाया जा रहा है। इसी के साथ शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे। इस दिन गंगा में स्नान और दान पुण्य करना उत्तम माना जाता है। मकर संक्रांति पर इस बार रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग और आनंदादि योग का निर्माण हो रहा है। इस वजह से यह मकर संक्रांति खास होगी। वहीं, मकर संक्रांति पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाले पवित्र स्नान पर रोक लगने के कारण हर की पैड़ी क्षेत्र को सील कर दिया गया है इसलिए इस बार मकर संक्रांति स्नान पर्व पर यहां सन्नाटा छाया हुआ है।

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दी है। हर की पैड़ी क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पूरे हरकी पैड़ी क्षेत्र को सील कर दिया गया है। एक भी श्रद्धालु हर की पैड़ी क्षेत्र पर दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसा नजारा आपने भी पहले कभी नहीं देखा होगा। मकर सक्रांति के पिछले स्नानों की बात करें तो इस समय लाखों की संख्या में देश भर से आए श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान करती थी। मकर सक्रांति पर्व का बहुत महत्व है। आज के दिन गंगा में स्नान कर काली दाल की खिचड़ी दान करने का बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते स्नान पर रोक लगी हुई है। बार्डर से ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पुलिस वापस भेज रही है।

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उत्तरकाशी के गंगा घाटों पर देवडोलियों का स्नान

मकर संक्रांति के पर्व को लेकर उत्तरकाशी में गंगा घाटों पर सुबह से ही भीड़ लगी रही। उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट, जड़भरतघाट, असी गंगा घाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। विभिन्न क्षेत्रों से आए ग्रामीणों ने देव डोलियों को भी गंगा स्नान करवाया। गंगा स्नान करने वालों की भीड़ सुबह तड़के चार बजे से ही शुरू हो गई थी। इस दौरान कोविड नियमों को भी ताक पर रखा गया।

अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा वापस

हरिद्वार सीओ शेखर सुयाल का कहना है कि सरकार ने कोविड दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसको लागू कराया जा रहा है। लोगों को उन घाटों पर भेजा जा रहा है, जहां भीड़ को कोविड दिशा-निर्देशों के साथ अच्छे से संभाला जा सकता है। वहीं, जो लोग दूसरे राज्यों से स्नान करने आ रहे हैं उनको मना कर वापस भेज रहे है।

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हरिद्वार में पहरा सख्त

यातायात पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर जाने से पहले ब्रीफ करते हुए हरिद्वार एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहते हुए कोविड नियमों का सख्ती से पालन कराएं। सभी राजपत्रित अधिकारी व थानाप्रभारी अपने साथ फोटोग्राफी-वीडियो कैमरों को भी रखेंगे। जिले के बार्डर, हरकी पैड़ी व आसपास के घाटों पर लाउडस्पीकर से अपील की जाएगी।

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बताया कि मेला क्षेत्र को चार जोन व आठ सेक्टरों में विभाजित किया गया है। हर जोन में पुलिस उपाधीक्षक व सेक्टर में निरीक्षक, थानाध्यक्ष, एसएसआइ व एसआइ स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। पुलिस के अलावा चार कंपनी पीएसी व एक कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात की गई है।

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जानिए मकर संक्रांति से जुड़ी कुछ बातें 

हिंदू धर्म में मकर संक्राति पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया गंगा स्नान, खिचड़ी, गर्म वस्त्र, तिल, चावल, घी, कंबल, गुड़ के दान और भगवान के दर्शन से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार मकर संक्राति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।

मान्यता है कि इस दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं। मकर संक्रांति के प्रवेश के साथ ही सूर्य देव उत्तरायण हो जाएंगे। आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, एक महीने से चले आ रहे खरमास मकर संक्राति के साथ ही समाप्त हो जाएंगे। साथ ही, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। 14 जनवरी से 20 फरवरी तक विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं।

घर पर इस तरह करें स्‍नान

मकर संक्रांति का पर्व आज मनाया जा रहा है। इस पुण्यकाल में पवित्र नदियों में सबसे पहले स्नान करने का महत्‍व है, लेकिन कोराना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए घर पर स्‍नान किया जा सकता है। घर में एक टब अथवा बाल्‍टी में पानी में गंगाजल की बूंदे डालकर स्नान करें। फिर सूर्यदेव को अर्ध्य दें और उनकी पूजा करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें। काले तिल का दान करें।

फलदायी होती है सूर्यदेव की पूजा

आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दौरान सूर्यदेव की पूजा फलदायी होती है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह दिन बड़ा पावन माना जाता है क्योंकि इस दिन से खरमास का अंत होता है, जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। 14 जनवरी को ही सुबह लगभग आठ बजकर दस मिनट से पुण्य काल प्रारंभ हो जाएगा। मकर संक्रांति पर रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग और आनंदादि योग का निर्माण हो रहा है, जो कि काफी शुभ है। माना जाता है कि रोहणी नक्षत्र में दान-पुण्य करने से यश की प्राप्ति होती है और कष्टों का अंत होता है।