भारत के साथ अमेरिका का पहले था विपरीत दृष्टिकोण, अब कई मुद्दों पर एक राय: हेनरी किसिंजर

भारत के साथ अमेरिका का पहले था विपरीत दृष्टिकोण, अब कई मुद्दों पर एक राय: हेनरी किसिंजर

अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर ने भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को लेकर कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों की की जड़ें 1971 के बांग्लादेश संकट से जुड़ी हुई हैं। इसके बाद दोनों देशों ने कई मुद्दों पर विपरीत विचार होने के बावजूद सुरक्षा और अर्थव्यवस्था जैसे मुख्य मुद्दों पर एक जैसा दृष्टिकोण बनाया।

भारत-अमेरिकी रणनीतिक साझेदारी मंच पर सोमवार को किसिंजर ने कहा कि बांग्लादेश संकट दोनों देशों को टकराव के रास्ते पर ले आया था। 1971 में इस संकट को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। बांग्लादेश (युद्ध से पहले पूर्वी पाकिस्तान) में मौजूद अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिसंबर 1971 में अमेरिकी नौसेना का सातवां बेड़ा बंगाल की खाड़ी में भेजा गया था, जिससे भारत को खतरा महसूस हुआ।

…तब नेहरू ने नहीं किया था अमेरिका का समर्थन

96 वर्षीय किसिंजर ने कहा कि शीतयुद्ध के उस दौर में भारत और अमेरिका की धारणाएं अलग थीं। 1961 में बर्लिन संकट के दौरान तत्कालीन सोवियत संघ ने अमेरिका की सहयोगी सेनाओं को बर्लिन से बाहर जाने का अल्टीमेटम दिया था। तब, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अमेरिको को समर्थन नहीं दिया था, जिस कदम से अमेरिकी सरकार के लोग निराश थे।

कई मुद्दों पर एक समान हित

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश संकट पर हम विपरीत दृष्टिकोण से बाहर आए और मूलभूत विकास के लिए एक विश्वास कायम किया। हम अब ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जहां भारत और अमेरिका के इनमें से कई मुद्दों पर एक समान हित हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और आर्थिक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों देशों के विचार एक समान हैं।
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