पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ सभी दल एकजुट, सरकार के हर एक्शन का करेंगे समर्थन

पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ सभी दल एकजुट, सरकार के हर एक्शन का करेंगे समर्थन

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों की स्मृति में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में सर्वदलीय बैठक के दौरान दो मिनट का मौन रखा गया. केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई है. सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की. सर्वदलीय बैठक करीब दो घंटे तक चली. बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम हमले की जानकारी दी.

बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी दलों ने घटना की निंदा की है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के किसी भी एक्शन का समर्थन करेंगे. टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि सुरक्षा चूक पर चर्चा की गई, सभी पार्टियां आतंकवाद से निपटने में सरकार के साथ हैं

सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “रक्षा मंत्री ने सीसीएस की बैठक में पहलगाम में हुई घटना और भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी. यह घटना बहुत दुखद है. जिससे देश में हर कोई चिंतित है, इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भी आज और कड़ी कार्रवाई करने की मंशा जाहिर की है.”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, विदेश मंत्री एस जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी और अन्य प्रमुख नेता बैठक में भाग लिया.

इसके अतिरिक्त, राम गोपाल यादव (सपा), सुप्रिया सुले (राकांपा-सपा), श्रीकांत शिंदे (राकांपा), प्रफुल्ल पटेल (राकांपा), प्रेम चंद गुप्ता (राजद), तिरुचि शिवा (द्रमुक), सस्मित पात्रा (बीजद), संजय सिंह (आप), सुदीप बंदोपाध्याय (टीएमसी), मिथुन रेड्डी (वाईएसआरसी), और भाजपा के अनिल बलूनी भी बैठक में मौजूद थे.

पहलगाम हमले पर सर्वदलीय बैठक में दी गई श्रद्धांजलि

साल 2019 के पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं.

 

बुधवार कोप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई. इस बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक रोकने रखने का फैसला किया. जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता और उसने एकीकृत अटारी चेक पोस्ट को बंद कर दिया है. इसके साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा भी रद्द करने फैसला किया गया है.

सुरक्षा में चूक क्यों हुई? संजय सिंह ने पूछा सवाल

केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “पूरा देश गुस्से में है, दुखी है और देश चाहता है कि केंद्र सरकार आतंकियों को उनकी भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे. जिस तरह से उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या की है, उनके कैंपों को नष्ट किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.”

 

उन्होंने कहा कियह घटना 22 अप्रैल को हुई और 20 अप्रैल को बिना सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के उस जगह को खोल दिया गया. सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हमने मांग की है कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए कि सुरक्षा में चूक क्यों हुई.


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