नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने जो यौन शोषण का केस दर्ज कराया है, उसमें दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है।

जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम सोमवार रात बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा स्थित घर पहुंची। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बृजभूषण के घर पर मौजूद 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।

खबर है कि दिल्ली पुलिस की टीम सिर्फ गोंडा ही नहीं लखनऊ स्थित बृजभूषण शरण सिंह के घर भी पहुंची। पुलिस ने सिंह के साथ काम करने वाले लोगों के नाम-पते और पहचान पत्र साक्ष्य के तौर पर जुटाए हैं।

रेलवे में अपनी नौकरी पर लौटे प्रदर्शन कर रहे साक्षी, बजरंग व विनेश

भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पुनिया उत्तर रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट आए हैं।

गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को सामान्य बताते हुए कहा कि पहलवान अपनी मांग पर कामय हैं। उन्होंने आंदोलन से पीछे हटने और नाबालिग द्वारा प्राथमिकी वापस लेने की खबरों को गलत बताया।

मलिक ने ट्वीट कर कहा कि “ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में न हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है।”

पहलवान बना रहे आगे की रणनीति

उन्होंने मीडिया से कहा कि पहलवान अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए रणनीति बना रहे हैं।आंदोलन में कोई हिंसा न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। इस लड़ाई में विनेश व बजरंग भी साथ हैं। फिलहाल धरने पर नहीं बैठेंगी। वह करनैल सिंह स्टेडियम में खेल अधिकारी के पद पर तैनात हैं। इस पद के दायित्व को पूरा करने पर उनका ध्यान है।

क्या बोले बजरंग पुनिया

पुनिया ने कहा, ” हम आंदोलन से पीछे नहीं हटे हैं। हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए झूठ फैलाई जा रही है।” पुनिया और फोगाट भी उत्तर रेलवे में विशेष कार्य अधिकारी (खेल) के पद पर तैनात हैं। तीनों 30 व 31 मई को अपनी नौकरी पर वापस लौट आए हैं।

मलिक अंतर मंडल खेल प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर उत्तर रेलवे द्वारा जारी पत्र 31 मई को हस्ताक्षर करने के बाद उसकी तैयारी में जुट गई हैं।

पहलवान 23 अप्रैल से दे रहे थे धरना

पहलावन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। वह एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर संसद का घेराव करने जा रहे पहलवानों को पुलिस ने हिरासत में लेकर धरना समाप्त कराया था। मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि गृह मंत्री से पहलवानों की मुलाकात में कोई हल नहीं निकला है।

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