‘गायब कहां वो तो दिल्ली में हैं…’, फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस को सुनाया; पीएम मोदी को दिया फुल सपोर्ट

‘गायब कहां वो तो दिल्ली में हैं…’, फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस को सुनाया; पीएम मोदी को दिया फुल सपोर्ट
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मजबूत समर्थन जताया है। इसी के साथ फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के गायब होने वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए और इस्लामाबाद को आगे की उकसावेबाजी के खिलाफ चेतावनी देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को अपना पूरा समर्थन दिया है। उसके बाद हमसे सवाल नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री को जो भी काम करना है, वह करना चाहिए।

‘हमारे पास उनसे पहले थी परमाणु शक्ति’

परमाणु शक्ति होने के पाकिस्तान के बार-बार के दावों का जवाब देते हुए वरिष्ठ नेता ने उन्हें भारत की अपनी क्षमताओं की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि हमारे पास भी परमाणु शक्ति है और हमारे पास यह उनसे पहले भी थी। भारत के गैर-आक्रामक होने के रुख पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने पहले कभी किसी पर हमला नहीं किया। यह सब वहीं (पाकिस्तान) से शुरू हुआ और हमने जवाब दिया।

आज भी, हम इसका (परमाणु हथियारों का) इस्तेमाल नहीं करेंगे, जब तक कि वे इसका इस्तेमाल न करें। लेकिन अगर वे इसका इस्तेमाल करते हैं, तो हमारे पास भी है। ऊपर वाला ऐसी स्थिति कभी न आने दें।

गायब वाले पोस्टर पर दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री की आलोचना करने पर भी फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस ने 28 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गायब बताने वाला पोस्ट शेयर किया था। जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस के बीच तनातनी शुरू हो गई।हालांकि, इस पोस्टर को बाद में डिलीट कर दिया गया था। इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के कथन को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे कहां लापता है। मुझे पता है कि वह दिल्ली में है।

पाकिस्तान की कड़ी निंदा की

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारतीय धरती पर बार-बार आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यहां मुंबई हमला हुआ और यह साबित हो गया कि उन्होंने इसे अंजाम दिया। पठानकोट और उरी हमला भी उन्होंने किया।उन्होंने कारगिल में हमला किया और मैं उस समय मुख्यमंत्री था। नेकां चीफ ने कहा कि वे इसमें शामिल नहीं थे, लेकिन जब हमने कड़ी कार्रवाई की, तो वे मदद मांगने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के पास भागे। अब्दुल्ला ने कहा कि अगर वे दोस्ती चाहते हैं, तो ऐसी चीजें जारी नहीं रह सकतीं। इसे रोकना होगा। लेकिन अगर वे दुश्मनी चाहते हैं, तो हम तैयार हैं, और वे भी तैयार हैं।


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