UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की शिक्षामित्रों की याचिकाएं, 37,339 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ

UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की शिक्षामित्रों की याचिकाएं, 37,339 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों की अपील को खारिज कर दिया है। सर्वोच्च आदालत ने यूपी सरकार के फैसले पर मुहर लगाते हुए बढ़े हुए कटऑफ को अनुमति दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के इस वक्तव्य को रिकॉर्ड पर लिया कि नए कटऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षामित्रों को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा। इस फैसले से अब कुल 67867 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। इनमें से 31,277 पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा चुकी है। अब 37,339 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी।

यूपी में सहायक शिक्षक 69000 भर्ती मामले में सर्वोच्च आदालत ने 24 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यूपी सरकार के 60 और 65 फीसद कटऑफ को सही ठहराया और शिक्षामित्रों की याचिका को खारिज दिया। अब बचे हुए 37 हजार से अधिक पदों पर भर्ती जल्द हो सकेगी। शीर्ष कोर्ट के आदेश से 31277 पदों की चयन सूची विवाद पर भी विराम लगेगा, जिस पर हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई।

शिक्षक भर्ती में जारी कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। योगी सरकार के 31,661 पदों को भरने के आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

यूपी में लगभग दो वर्षों से प्राथमिक स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। भर्ती के कटऑफ अंक को लेकर पिछले माह शीर्ष कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी थी, कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा था। पहले यह भर्ती कटऑफ अंक को लेकर हाई कोर्ट में लंबे समय तक फंसी रही। फिर प्रश्नों के जवाब को लेकर ऐन वक्त पर काउंसिलिंग रोकनी पड़ी। शिक्षामित्रों के चयन को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने 37339 पद भरने पर रोक लगा रखी थी। हर बार कोर्ट ने भर्ती के अहम मोड़ पर स्थगनादेश जारी किया है।

बता दें कि 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुज्ञा याचिका रामशरण मौर्या व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य में बीती 21 मई को आदेश पारित कर कहा था कि जिन पदों को शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के रूप में धारण कर रहे हैं, उनसे छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। वहीं, सूबेदार सिंह व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य मामले में शीर्ष अदालत ने नौ जून को आदेश दिया था कि 37,339 शिक्षामित्र सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए हैं। लिहाजा 37,339 पदों को छोड़कर सरकार बाकी पदों पर भर्ती कर सकती है, जिसके बाद यूपी सरकार ने 31,661 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में 31661 पदों को भरने के योगी सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। बीटीसी छात्रों की वकील रितु रेनुवाल ने 22 सितंबर को शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर 31661 पदों पर भर्ती के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। ऐसी स्थिति में जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता है, 31661 पदों पर भर्ती के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जानी चाहिए।

दरअसल, शिक्षामित्र कटऑफ अंकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे। रामशरण मौर्य बनाम राज्य सरकार मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में (65/60 कटऑफ) फैसला सुनाया था, लेकिन इसके विरोध में शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट चले गए और पिछली भर्ती की तरह 45/40 कटऑफ करने की मांग कर रहे थे। शिक्षामित्रों का दावा किया था कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में लगभग 45 हजार शिक्षामित्रों ने फॉर्म भरा था। उत्तरमाला के मुताबिक, 45/40 अंकों पर 37 हजार से ज्यादा शिक्षामित्र पास हो रहे हैं, जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के मुताबिक 45/40 कट ऑफ पर केवल 8018 शिक्षामित्र पास हुए हैं।

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