शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में श्री नरेंद्र सेवा पखवाड़े के अंतर्गत पंच प्रण’ लक्ष्यों पर संगोष्ठी का आयोजन

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में श्री नरेंद्र सेवा पखवाड़े के अंतर्गत पंच प्रण’ लक्ष्यों पर संगोष्ठी का आयोजन

गंगोह [24CN] : दिनांक 24-09-2022 को श्री जे.पी. माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली के तत्वाधान में चल रहे श्री नरेंद्र सेवा सेवा पखवाड़े के आठवें दिन शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में देश के यशस्वी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2022 को लाल किले से दिए गए उद्बोधन में 100 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए अपने ‘पंच प्रण’ लक्ष्यों को रेखांकित किया था। उनमे से एक प्रण “एकता” पर विश्वविद्यालय की सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया तथा स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज एंड एंटरप्रेन्योरशिप विभाग द्वारा जन जागरूकता रैली एवं नुकड़ नाटक का  भी आयोजन किया गया, जिसकी थीम ” सभ्य कार्य और आर्थिक विकास” रही। जिसमें सभ्य कार्य का अर्थ है हर किसी के लिए ऐसे अवसर प्राप्त करना जो उत्पादक हो और उचित आय, कार्यस्थल में सुरक्षा और परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा, व्यक्तिगत विकास और सामाजिक एकीकरण के लिए बेहतर संभावनाएं प्रदान करता हो और साथ ही आर्थिक विकास हो।

आज के कार्यक्रमों की शुरुआत शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, मुख्य अतिथि मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ सुनील चंद्र, वीएसएम एवं संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर द्वारा मां सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत सम्मान में शोभित विश्वविद्यालय गंगोह द्वारा मुख्य अतिथि मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ सुनील चंद्र, वीएसएम को पुष्प-गुच्छ एवं शॉल भेंट किया गया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो.(डॉ.) श्रीकांत गुप्ता एवं प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल ने आने वाले पांच दिनों में पंच प्रण कार्यक्रम की रूपरेखा को प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ सुनील चंद्र ने अपने उध्बोधन में कहा कि एक होने का भाव ‘एकता’ कहलाता है। यदि मानव परस्पर पृथक् होकर कार्य तथा विचार करे, तो मानवसमाज की प्रगति संभव नहीं। इसलिए, मनुष्य का मन, वचन और कर्म से यथासंभव एक होना आवश्यक है। यदि हम जाति धर्म एवं सम्प्रदाय से ऊपर उठकर और एकजुट होकर काम करते हैं, तो हमारी उन्नति निश्चित है, यदि हम बँटकर, बिखरकर काम करते हैं, तो हमारी अवनति होकर रहेगी।

इस अवसर पर संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर ने बाबू विजेंद्र जी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा एकता बनाए रखने के लिए वह सभी कदम उठाए जिससे एक पिछड़े इलाके में सभी लोग एक साथ आगे बढ़ कर कार्य करें और अपने जीवन के सपनों को साकार कर सके, जिसकी एक मिसाल उन्होंने गंगोह क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित कर की।

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष एवं छात्र उपस्थित रहे।

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