मनीष सिसोदिया को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 8 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

मनीष सिसोदिया को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 8 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले में कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया, विजय नायर और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 8 मई, 2024 तक बढ़ा दी है। ईडी ने कोर्ट से जवाब दाखिल का समय मांगा, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।

इससे पहले, गुरुवार को सीबीआई केस में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अदालत ने सात मई तक बढ़ा दी। सिसोदिया की भ्रष्टाचार मामले में न्यायिक हिरासत की अवधि 24 अप्रैल को समाप्त हो रही थी। सीबीआई ने अदालत से सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। वहीं, सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों में हुई तीखी बहस के बाद अदालत ने सिसोदिया के अधिवक्ताओं को फटकार लगाई।

क्या है आबकारी नीति घोटाला

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू करके सरकार के राजस्व में इजाफा होने का दावा किया था। इसके बाद जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी।

इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई 2022 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

इस पर सीबीआई ने प्राथमिकी की थी और इस प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया था।

इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामले में जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी।

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