सहारनपुर: जहरीला हुआ पांवधोई नदी का पानी, हजारों मछलियों की मौत, प्रशासनिक अफसर साधे रहे चुप्पी

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पांवधोई नदी में डाले गए केमिकल युक्त पानी की वजह से हजारों मछलियों की जान चली गई। रविवार को दिन भर मरी हुई मछलियां पानी में बहती नजर आईं, मगर नगर निगम से लेकर प्रशासनिक अफसर इस सब से अनजान बने रहे।

बाबा लालदास बाड़ा से पीछे की ओर कुछ लोग केमिकल युक्त बोरियों की धुलाई नदी में करते हैं। इनमें चूना, गैमेक्सीन आदि के पुराने बोरे भी शामिल होते हैं। रविवार को बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां पांवधोई नदी में बहती नजर आई। जब इसकी पड़ताल की गई तो धोबीघाट और पुल खुमरान के बीच नदी में छोड़े गए एक चौड़े पाइप से झागदार पानी निकलता नजर आया, माना गया कि यह केमिकल युक्त पानी है।
खास बात यह रही कि उस पाइप से पीछे यानी धोबीघाट की ओर कोई मछली मरकर बहती हुई नजर नहीं आई। उससे आगे मछलियां मरी हुईं दिखी। पांवधोई नदी के ढमोला नदी में संगम स्थल तक मछलियां बहती देखी गई। शक है कि हो ना हो उक्त पाइप से ही कोई केमिकल युक्त पानी छोड़ा गया।

लोगों ने पकड़ी मछली और कछुए 
जहरीले पानी की वजह से पांवधोई नदी की मछलियां और कछुए आदि तड़फते हुए किनारों पर भी आ रहे थे। ऐसे में स्थानीय लोग और बच्चे बड़ी संख्या में पॉलिथीन लेकर उक्त मछलियों और कछुओं को पकड़ते नजर आए।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चुप 
शहर के बीच से होकर गुजरने वाली पांवधोई नदी और ढमोला नदी का पानी जलीय जीवों के लिए सही नहीं रह गया है। नदी में धुलने वाले केमिकल युक्त बोरों और नदी में छोड़े जा रहे दूषित पानी को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है।

साफ भी नहीं हुई पांवधोई
नगर निगम ने करीब डेढ़ माह पहले पांवधोई नदी की सफाई का अभियान शुरू किया था। महापौर संजीव वालिया और नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने धोबीघाट से इसकी शुरूआत की थी। मगर दो दिन अभियान चलने के बाद दम तोड़ गया।

नदी की सफाई पुल खुमरान तक करने की बात कही गई थी। मगर अभियान धोबीघाट से चलकर दूसरे पुल खुमरान पुल तक भी नहीं पहुंचा। पुल खुमरान के निर्माण के दौरान नदी में डाली गई मिट्टी आज तक नहीं हटी है।

नदी का सही से संरक्षण नहीं हो पा रहा है, यह कटु सच्चाई है। पहले भी लोग केमिकल युक्त कट्टे इसमें धोते रहे हैं, जिनसे मछलियों की मौत होती रही है। ऐसे लोगों पर रोक लगाने के लिए कई बार बैठक में बात रखी गई, मगर कुछ नहीं हुआ है। यह प्रत्येक नागरिक की भी जिम्मेदारी है कि वह नदी को बचाने के लिए आगे आए। – डॉ. पीके शर्मा, उप सचिव, पांवधोई बचाओ समिति। 

नदियों का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता में है। विभागीय स्तर पर नदी में दूषित पानी छोड़ने वालों को नोटिस भेजे जाते रहे हैं। किसी केमिकल युक्त पानी के छोड़े जाने से मछलियों की मौत की जानकारी नहीं है। टीम को भेजकर कारण का पता कराया जाएगा। जो भी लोग नदी को दूषित करने और मछलियों की मौत के जिम्मेदार होंगे। उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।– एसआर मौर्या, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड। 

पांवधोई नदी की स्वच्छता और उसको सुंदर बनाना नगर निगम की प्राथमिकता में है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत भी नदी पर काफी कार्य होना है। केमिकल डाले जाने से मछलियों के मरने की जानकारी नहीं है। जो भी लोग नदी में केमिकल छोड़ रहे हैं या दूषित कर रहे हैं उनके विरुद्घ कठोर कार्रवाई होगी। -ज्ञानेंद्र सिंह, नगरायुक्त। 

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