प्रधानमंत्री मोदी ने की शांति बनाए रखने की अपील, कहा- फैसला किसी की हार या जीत नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने की शांति बनाए रखने की अपील, कहा- फैसला किसी की हार या जीत नहीं

वर्षों से लंबित अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट आज ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रहा है। फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा ‘अयोध्या पर आज सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।’

अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।

— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019
पीएम मोदी ने दूसरे  ट्वीट  में लिखा ‘ देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।’

देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।

— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019
अंतिम  ट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा ‘अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।’

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।

— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019
बता दें कि शीर्ष अदालत की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मामले की 40 दिनों तक सुनवाई की। कई याचिकाओं की सुनवाई के बाद 16 अक्तूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब आज फैसले की घड़ी का इंतजार है।

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