साहित्योत्सव में कविता और शायरी ने मोहा मन – शोभित विश्वविद्यालय में साहित्योत्सव को परम्परा बनाने के संकल्प के साथ उत्सव का समापन

साहित्योत्सव में कविता और शायरी ने मोहा मन – शोभित विश्वविद्यालय में साहित्योत्सव को परम्परा बनाने के संकल्प के साथ उत्सव का समापन

गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह, (सहारनपुर), हिंदुस्तानी एकेडेमी उ.प्र., प्रयागराज (भाषा विभाग उ. प्र. शासन के नियंत्रणाधीन), पोएटिक आत्मा ट्रांस्फ़ॉर्मिंग इंडिया एवं ‘विरासत’, यूनिवर्सिटी हेरिटेज रिसर्च सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में साहित्योत्सव 2024 में कवि सम्मेलन-मुशायरे का आयोजन किया गया जिसमें देश के विभिन्न भागों से आए कवि-शायरों ने अपनी बेहतरीन कविताओं से श्रोताओं का मन जीत लिया।

सहारनपुर के प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर की स्मृति में आयोजित साहित्योत्सव 2024 में कवि सम्मेलन-मुशायरे का शुभारम्भ शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुँवर शेखर विजेंद्र जी के अध्यक्षीय उद्बोधन से हुआ।

कवियों और शायरों ने कुछ इस प्रकार अपनी भावाभिव्यक्ति दी –

सवाल ये तो नहीं है कि उसने देखा क्या

सवाल ये है अदालत में वो कहेगा क्या

–  सुरेंद्र सिंघल

तन-मन-धन देकर पिता, ख़ुद काटें वनवास।

साँसों के अतिरिक्त क्या, रखते अपने पास।।

– डॉ विजेन्द्रपाल शर्मा

उसे हम पर तो देते हैं मगर उड़ने नहीं देते

हमारी बेटी बुलबुल है मगर पिंजरे में रहती है

– रहमान मुसव्विर

घर का थोड़ा रंग उतरा है, चल जाएगा।

नल हिचकी लेकर उतरा है, चल जाएगा।

– राजीव उपाध्याय ‘यायावर’

मस्त रहता नहीं है इश्क़ में जो

उसको मस्तिष्क वाला मत कहिये

– ज़ुबैर अंसारी

बनाई गई एक तस्वीर ऐसी

शजर है परिंदा है सूखी नदी है

– मलिक रिज़वान

दीप सदियों से हमारी दिव्यता का जल रहा

देश अपनी शौर्यता की भव्यता से चल रहा

– धीरेंद्र सिंह

मुझे इस कुएं से कोई तो निकालो

गला फाड़ कर कब से चिल्ला रहा हूं

– अभिषेक तिवारी

हम को मंज़िल पे पहुंचने का जुनू ऐसा था,

रुक के देखे हि नहीं पाओं के छाले हमने।

– अमजद ख़ान “अमजद”

उसका दिल सौदागर निकला,

मुश्किल से मैं बाहर निकला।

– दान बहादुर सिंह

हवा का रूख़ बदलना चाहते हैं,

दिए हैं और जलना चाहते हैं।

– अम्बरीष ठाकुर

शायर अफजल मंगलौरी ने बाबू विजेन्द्र कुमार जी की स्मृति में शायरी पढ़ी। उन्होंने बताया कि गंगोह की भूमि पर कविता/शायरी की रवायत कितनी पुरानी है।

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के केयर टेकर सूफी ज़हीर अख्तर ने आशीष वचन दिए। माननीय कुलाधिपति श्री कुँवर शेखर विजेंद्र जी, कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कवियों, शायरों और वक्ताओं को सम्मानित किया।

इस अवसर पर प्रो.(डॉ.) प्रशांत कुमार, प्रो.(डॉ.) आरिफ नसीर, प्रो.(डॉ.) मदन कौशिक, प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल, शोएब हुसैन, रितु शर्मा, शक्ति सिहं, महेन्द्र कुमार, आदि उपस्थित रहे।

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