चंद्रयान 2 को लेकर जगी नई उम्मीद, भारतीय इंजीनियर ने तस्वीर में देखा विक्रम लैंडर, NASA, ISRO को दी जानकारी

चंद्रयान 2 को लेकर जगी नई उम्मीद, भारतीय इंजीनियर ने तस्वीर में देखा विक्रम लैंडर, NASA, ISRO को दी जानकारी

चेन्नईः पिछले साल 22 जुलाई को भारत ने अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 2 को लॉन्च किया था और चांद के अंधेरे वाले हिस्से पर अपना यान भेजा। हालांकि, इसका लैंडर विक्रम उम्मीद के मुताबिक, चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका और धरती से इसका संपर्क टूट गया। बाद में अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA (नैशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) की तस्वीरों को देखकर चेन्नई के इंजिनियर शानमुगा सुब्रमण्यन ने लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर खोज लिया। उन तस्वीरों में जो दिखा उसे विक्रम का मलबा माना गया। हालांकि, LRO की ताजा तस्वीरों में शान ने ही फिर पता लगाया है कि भले ही विक्रम की लैंडिंग मनमाफिक न हुई हो, मुमकिन है कि चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान ने एकदम सही-सलामत चांद की सतह पर कदम रखा था।
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शनमुगा ने WION के साथ  बातचीत के दौरान कहा, विक्रम की लैंडिंग भले ही सही तरीके से न हो पाई हो लेकिन, रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर कदम रख लिया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि इसकी पुष्टि ISRO और NASA करेंगे। सुब्रमण्यम ने बताया कि चार जनवरी को एक तस्वीर ली गई थी जिस पर उन्होंने स्टडी किया। नासा की तस्वीर में चांद की सतह पर कुछ अलग दिखाई दिया है। उन्होंने बताया कि नई फोटो में कुछ ऐसी चीजें नजर आई हैं जो विक्रम लैंडर से दूर हैं और ऐसा दृश्य पहले नहीं था।
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शनमुगा सुब्रमण्यम का कहना है कि वह कुछ और नहीं बल्कि लैंडर विक्रम के अंदर मौजूद रोवर प्रज्ञान था। उन्होंने कहा कि मलबे के अलावा पहली बार इस तरह की चीजें दिखी है। बकौल सुब्रमण्यम विक्रम लैंडर चांद के जिस हिस्से पर लैंड करने वाला था, वहां रोशनी काफी कम होती है। LRO की ओर से जारी तस्वीर में सूरज का एंगल अलग था, जिसके कारण रोवर प्रज्ञान दिखाई नहीं दिया। लेकिन, जनवरी महीने में रोशनी पहले से ज्यादा और अच्छी थी।
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शनमुगा कहते हैं कि रिफ्लेक्शन के कारण इस बार रोवर प्रज्ञान नजर आ गया. फिलहाल, इसकी जानकारी ISRO औऱ NASA को दी गई है। अब इस मामले पर दोनों संस्थान क्या कहते हैं उसका इंतजार किया जा रहा है। अगर ऐसा बाकई में है तो यकीनन यह भारत के लिए गर्व की बात है। शनमुगा ने अपने ट्वीटर पर तस्वीरों का वो दृश्य भी साझा किया है जो पहले नहीं दिखता था। अब देखना यह होगा कि शनमुगा की इस जानकारी पर इसरो और नासा क्या कहते हैं।
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शनमुगा ने कहा कि जिस तरह से उसमें प्रोग्राम किया गया होगा, बाद में वह विक्रम से बाहर निकलकर कुछ दूर तक गया होगा। उन्होंने कहा कि तस्वीर में रोवर और विक्रम के बीच ट्रैक देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब इन सब बातों की पुष्टि इसरो और नासा ही कर सकते हैं। लेकिन, शनमुगा सुब्रमण्यम की बातों और दावों से रोवर प्रज्ञान को लेकर उम्मीद की नई किरण जगी है। चंद्रयान 2 के रोवर को लेकर इसरो के चेयरमैन डॉक्टर के सिवन का इमेल भी  WION की टीम के पास भेजा गया है। उन्होंने मेल के जरिए बताया कि हमने ये तस्वीरें एक्सपर्ट्स को दी हैं वे इनका विश्लेषण करेंगे।

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