पीएफआई के सदस्यों की तलाश में छापा, मिला इनपुट, माहौल बिगाड़ने की फिराक में शरारती तत्व

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जहां आईबी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका को तलाश रही है। वहीं खुफिया विभाग को इनपुट मिला है कि कुछ शरारती तत्व होली और दुल्हैंडी पर शहर का माहौल बिगाड़ सकते हैं। रविवार रात में आईबी की टीम ने गोपनीय ढंग से पीएफआई के सदस्यों की जानकारी जुटाई और उनकी तलाश में छापा मारा। इनमें जो लोग 20 दिसंबर की हिंसा में जेल गए थे उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों पर भी नजर रखी जा रही है। सर्विलांस टीम भी गोपनीय ढंग से हर इनपुट पर काम कर रही है।

सीएए के विरोध में 20 दिसंबर 2019 को लिसाड़ीगेट और हापुड़ रोड क्षेत्र में हुई हिंसा में बवालियों की गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हुई थी। इनमें एक आरोपी झिलमिल कॉलोनी दिल्ली का था। प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस अधिकारियों की जांच में खुलासा हुआ था कि हिंसा के लिए पीएफआई ने दिल्ली से फंडिंग की थी। उसके बाद दिल्ली में हिंसा हुई। पुलिस और खुफिया विभाग की जांच में सामने आया कि मेरठ के लिसाड़ीगेट लावड़, किठौर, परतापुर और खिवाई, सरधना में 50 से अधिक लोग पीएफआई से जुड़े हुए हैं। 20 दिसंबर की हिंसा में पीएफआई के 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

खुफिया विभाग को इनपुट मिला कि मेरठ के अलावा सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली में अभी भी पीएफआई के सदस्य माहौल को भड़का सकते हैं। जिसमें खुफिया विभाग की अलग- अलग स्थानों की टीमें जांच कर रही हैं। पुलिस के रडार पर आने के बाद शास्त्रीनगर स्थित पीएफआई का कार्यालय अब बंद हो चुका है। आईबी को इनपुट मिला है कि गोपनीय ढंग से लिसाड़ीगेट में कार्यालय खोला हुआ है। सूचना है कि पीएफआई के पदाधिकारी अभी भी कुछ लोगों को भड़का सकते हैं।

व्हाट्सएप ग्रुपों को लेकर साइबर सेल और सर्विलांस के एक्सपर्ट लगातार नजर रखे हुए है। रात में लिसाड़ी गेट के इस्लामाबाद और जाकिर कॉलोनी में इंटेलीजेंस की टीम पहुंची और एक सदस्य के बारे में जानकारी जुटाई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि होली के पर्व को देखते हुए अलग- अलग टीमें नजर रखे हुए हैं। माहौल बिगाड़ने की कोशिश की तो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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