‘मैं होली नहीं खेलता, इसलिए घर में रहता हूं’, रंग को लेकर जारी विवाद पर बोले अनिल विज

होली का त्योहार सामने आ चुका है। इस साल होली और रमजान का जुम्मा एक ही दिन होने वाली है। इस कारण प्रशासन की ओर से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कई राज्यों में होली और जुम्मे की नमाज के समय को लेकर लगातार बयानबाजी जारी है। इस बीच अब हरियाणा सरकार के मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अनिल विज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह होली नहीं खेलते इस कारण अपने घर में ही रहते हैं। उन्होंने कहा है कि अगर बाहर बरसात हो रही है, तो जो भीगना नहीं चाहता वो अपने घर में बैठे।
क्या बोले अनिल विज?
हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने कहा- “हिन्दुस्तान में रह रहे हो। हिंदुस्तान का संधि विच्छेद करें तो ये होता है हिंदुओं का स्थान। अगर हिंदुओं के स्थान में रह रहे हो तो हिंदू अपने त्योहारों को धूमधाम से मनाएंगे ही। अगर उसका कोई छींटा आप पर जाए तो आप में सहनशक्ति और बर्दाश्त करने की हिम्मत होनी चाहिए। अगर बाहर बरसात हो रही है तो जो भीगना नहीं चाहता वो अपने घर में बैठे। मैं होली नहीं खेलता हूं, अपने घर में बैठता हूं। जब कोई बाहर जाता है तो थोड़े बहुत कपड़े गीले होते ही हैं। उसको सहन करना पड़ता है।”
निकाय चुनाव परिणाम पर क्या बोले विज?
हरियाणा में हुए नगर निकाय चुनाव में 10 नगर निगम में से भाजपा ने 9 पर जीत हासिल की है। एक पर निर्दलीय को जीत मिली है तो वहीं, कांग्रेस पूरी तरह से पस्त हो गई है। चुनाव परिणाम पर बात करते हुए विज ने कहा- “कांग्रेस नाम की चीज हरियाणा ही नहीं बल्कि देशभर में खत्म हो रही है। जहां भी चुनाव हो रहे हैं वहां भारतीय जनता पार्टी की जीत हो रही है। क्योंकि नरेंद्र मोदी ने राजनीति की दिशा और दशा को बदल दिया है। पहले 50 साल तक झूठ और फरेब की राजनीति होती थी। जब से पीएम मोदी ने कमान संभाली है उन्होंने विकास की राजनीति शुरू की। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश सरकारें भी काम कर रही हैं।”
सारे गढ़ टूट गए हैं- विज
अनिल विज ने कहा- “लोगों ने विकास की राजनीति को पसंद किया है लोग विकास चाहते हैं। देश को आजाद हुए 70 साल हो गए हैं। लोग अभाव की जिंदगी से बाहर निकलना चाहते हैं। पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। इसके लिए म्यूनिसिपैलिटी से लेकर प्रदेश और राष्ट्र तक विकास होगा। इसके लिए लोगों ने भाजपा को स्वीकार कर लिया है। हुड्डा और शैलजा का गढ़ था लेकिन सारे गढ़ टूट गए हैं। अब कुछ नहीं रहा अब तो भाजपा है।”