जब रतन टाटा के साथ जुड़ी यादों को साझा करते हुए भावुक हुए पीयूष गोयल

जब रतन टाटा के साथ जुड़ी यादों को साझा करते हुए भावुक हुए पीयूष गोयल

देश ने आज एक अनमोल रतन को खो दिया है। टाटा समूह को एक वैश्विक पहचान दिलाने वाले रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके योगदान को सारा देश और दुनिया याद कर रही है। रतन टाटा का कल देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति तक सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने उनके सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की है। उनका पार्थिव शरीर सुबह 10 बजे से दर्शन के लिए NCPA में रखा जाएगा और शाम 4 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। रतन टाटा को याद कर कई बड़ी हस्तियां भावुक हो रही हैं।

जब पीयूष गोयल के घर आए रतन टाटा

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक जताया और उनके साथ जुड़ी यादों को साझा किया। उन्होंने बताया, “रतन टाटा ने भारत को दुनिया भर में नई पहचान दिलाई। उनका जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।” रतन टाटा के साथ अपने निजी अनुभव को याद करते हुए पीयूष गोयल भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “एक बार रतन टाटा मेरे घर नाश्ते के लिए आए थे। हमने उन्हें इडली, सांभर और डोसा परोसा। हालांकि उनके पास दुनिया के बेहतरीन रसोइये थे, फिर भी उन्होंने हमारे साधारण नाश्ते की बहुत सराहना की। उनका स्वभाव इतना विनम्र था कि उन्होंने नाश्ता परोसने वाले की भी बहुत प्रशंसा की। जब वे जा रहे थे, तो बहुत प्यार से मेरी पत्नी से पूछा कि क्या वे उनके साथ एक तस्वीर लेना चाहेंगी। यह बात हमें खुद कहने में झिझक हो रही थी, लेकिन रतन टाटा ने यह पेशकश की। यही उनकी विचारशीलता थी, जो उन्हें एक महान इंसान बनाती थी। उन्हें पूरे देश और दुनिया में हर कोई प्यार करता है।”

रतन टाटा का दयालु और परोपकारी स्वभाव

पीयूष गोयल ने रतन टाटा की परोपकारिता और संवेदनशीलता की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “रतन टाटा बहुत ही संवेदनशील और दयालु व्यक्ति थे। उन्होंने टाटा समूह को न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई बल्कि भारत को भी गौरवान्वित किया। उनके पास एक परोपकारी व्यक्तित्व था और वे हमेशा अच्छे कामों के लिए तत्पर रहते थे। कोविड महामारी के दौरान उन्होंने बिना किसी शर्त के 1500 करोड़ रुपये दान करने का संकल्प लिया, जिससे देश को महामारी के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिली। उनके नेतृत्व ने टाटा समूह को यह साबित किया कि एक उद्योग कैसे ईमानदारी और नैतिकता के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकता है।”

रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग

आज रतन टाटा के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा और देश-विदेश से शोक संदेश आ रहे हैं। रतन टाटा को न केवल उनके व्यापारिक योगदान के लिए बल्कि उनकी परोपकारिता और समाजसेवा के लिए भी याद किया जाएगा। उन्होंने जितना कमाया उससे कहीं ज्यादा देश और समाज को दान किया। उनके नेतृत्व ने न केवल टाटा इंडस्ट्री बल्कि देश को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।


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