Weather Update: कश्मीर में पूस भारी तो उत्तराखंड में फाल्गुन सा हुआ मौसम

Weather Update: कश्मीर में पूस भारी तो उत्तराखंड में फाल्गुन सा हुआ मौसम

नई दिल्ली। उत्तर भारत में कुछ दिन लगातार हुई बारिश के बाद फिर ठंड बढ़ने लगी है। वहीं, कश्मीर में जहां पूस का महीना भारी पड़ता दिख रहा है। वहीं, उत्तराखंड में मौसम फाल्गुन सा बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों में बारिश के बाद भी उत्तराखंड के देहरादून में अधिकतम तापमान ने दस साल का रिकार्ड तोड़ दिया और पारा 27.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, कुछ दिन हल्की धूप से राहत के बाद शनिवार को कश्मीर में बर्फबारी का सिलसिला फिर शुरू हो गया। इससे सामान्य जनजीवन एक बार फिर अस्तव्यस्त हो गया।

ताजा बर्फबारी के कारण श्रीनगर एयरपोर्ट से 17 उड़ानें रद होने से कश्मीर का हवाई संपर्क देश-दुनिया से कट गया। हालांकि दोपहर बाद शेड्यूल की गई पांच उड़ानों में से तीन उड़ानों का आवागमन हुआ। इस बीच, जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर जगह-जगह फंसे वाहनों को निकाला गया। इससे दिनभर लंबा जाम भी लगा रहा। इधर, जम्मू में भी दिनभर बादल छाए रहे और रात को कोहरे का पहरा रहा। इस बीच, मौसम विभाग ने 20 जनवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है। उधर, लद्दाख में भी ठंड का प्रकोप जारी है। लेह शहर में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे माइनस 15.3, कारगिल का माइनस 15.2 और द्रास का माइनस 20.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

हाईवे पर फंसे 1900 ट्रक घाटी के लिए किए रवाना

इस बीच, लगातार दूसरे दिन भी जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर फंसे वाहनों को श्रीनगर की ओर रवाना किया गया, जिनमें अधिकांश आवश्यक खाद्य समाग्री से भरे ट्रक शामिल थे। भारी बर्फबारी के कारण हाईवे पिछले चार दिन बंद रहा था। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि हाईवे पर फंसे लगभग छह हजार वाहनों में से 1900 ट्रक शाम तक घाटी के लिए रवाना कर दिए गए थे, जबकि शुक्रवार शाम को 2200 ट्रक घाटी के लिए रवाना हुए थे।

दून में अधिकतम तापमान ने तोड़ा दस साल का रिकार्ड 

उत्तराखंड में मौसम साफ है और चटख धूप से पारा चढ़ने लगा है। दिन के समय धूप अभी से चुभने लगी है। दून में शनिवार को अधिकतम तापमान ने दस साल का रिकार्ड तोड़ दिया। यहां पारा 27.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। अन्य शहरों में भी तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा।

कम बारिश ने चढ़ाया पारा 

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, तापमान में वृद्धि का कारण प्रदेश में कम बारिश होना है। पहले मानसून सीजन में 20 फीसद कम बारिश दर्ज की गई। उसके बाद अक्टूबर और नवंबर में भी मेघ 50 से 60 फीसद कम बरसे। जबकि, दिसंबर में बारिश न के बराबर हुई। हालांकि, जनवरी में कुछ अच्छी बारिश हुई, लेकिन अभी भूमि में बेहद कम नमी है।

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