लखनऊ । समाजवादी पार्टी ने यूपी के विधान परिषद चुनाव में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मंत्री अहमद हसन और प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। विधायकों के संख्या बल के अनुसार समाजवादी पार्टी एक सीट जीत सकती है, लेकिन दूसरा प्रत्याशी का ऐलान कर पार्टी ने मुकाबला रोचक कर दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार सुबह प्रदेश कार्यालय में विधायकों के साथ बैठक के बाद प्रत्याशियों का ऐलान किया है। बैठक में सपा प्रत्याशी के प्रस्तावक कौन-कौन से विधायक होंगे यह भी तय किया गया है। प्रदेश में विधान परिषद की 12 सीटों पर 28 जनवरी को चुनाव होने हैं।
विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी ने दूसरा प्रत्याशी उतारकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। विधायकों की संख्या के अनुसार समाजवादी पार्टी 12 सीटों में से सिर्फ एक प्रत्याशी को ही जीत दिला सकती है। सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी की निगाह बहुजन समाज पार्टी के साथ ही दूसरे दलों के कुछ असंतुष्ट विधायकों का समर्थन हासिल अपनी दूसरी सीट जिताने पर है। समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों हुए राज्यसभा चुनाव में अंतिम समय में प्रकाश बजाज को उतार कर भारतीय जनता पार्टी के खेमे में हलचल मचा दी थी। समाजवादी पार्टी इस बार विपक्षी दलों में सेंघ मारने की रणनीति बना ली है।
12वीं सीट पर कब्जे के लिए कसरत : उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों पर राजनीतिक दलों ने सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी के खाते में 10 सीटें तय मानी जा रही हैं, जबकि समाजवादी पार्टी को एक सीट मिलनी तय है। वहीं, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि 12वीं सीट पर किस सियासी दल का कब्जा होगा, क्योंकि कोई भी पार्टी अपने दम पर यह सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।
विधान सभा में यह है पार्टियों का संख्या बल : उत्तर प्रदेश विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी के पास सहयोगी दलों को मिला कर कुल 319 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के 48 सदस्य हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी के 18 सदस्यों में से पांच ने बीते नवंबर में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी से बगावत कर दी थी। बहुजन समाज पार्टी ने अपने बागी नेताओं को नोटिस जारी किया है, जबकि रामवीर उपाध्याय को पार्टी ने सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इस लिहाज से पार्टी सदस्यों की संख्या 10 के करीब मानी जा रही है। वहीं, कांग्रेस के सात विधायकों में से दो बागी रुख अपनाए हुए हैं, जिसके चलते पांच ही विधायक पार्टी के साथ हैं।
इनका खत्म हो रहा कार्यकाल : उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, विधान परिषद सभापति रमेश यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, सपा के आशु मलिक, रामजतन राजभर, वीरेन्द्र सिंह व साहब सिंह सैनी के अलावा बसपा के धर्मवीर सिंह अशोक, प्रदीप कुमार जाटव व नसीमुद्दीन की सीटें हैं। हालांकि नसीमुद्दीन कांग्रेस में पहले ही शामिल हो चुके हैं और उनकी विधान परिषद की सदस्यता खत्म की जा चुकी है।
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