‘बर्दाश्त नहीं किया जाएगा…’, समीक्षा बैठक में किस बात पर खफा हुए सीएम योगी; अधिकारियों को क्यों दी चेतावनी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषी अफसरों को बचाने वाले जांच अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सिंचाई व जल संसाधन विभाग में जांच में खेल कर रहे अधिकारियों को लेकर सीएम योगी ने नाराजगी जताई है। साफ कहा है कि जांच रिपोर्ट में ‘आंशिक रूप से आरोप प्रमाणित’ शब्द का उल्लेख न किया जाए। सीएम ने जांच रिपोर्ट में ‘आरोप सही’ या ‘निराधार पाया गया’ जैसे स्पष्ट शब्दों का प्रयोग करने के निर्देश दिए ताकि दोषी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने ऐसा न करने वाले नामित जांच अधिकारी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी ने सिंचाई एवं जल विभाग की समीक्षा की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सिंचाई एवं जल विभाग की समीक्षा की थी। इस दौरान अधिकारियों ने लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ होने वाली विभागीय और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नामित जांच अधिकारी द्वारा ‘आंशिक रूप से आरोप प्रमाणित’ शब्द का प्रयोग किए जाने की बात बताई। यह भी बताया कि जांच रिपोर्ट में स्पष्ट आरोप न होने की वजह से कार्रवाई करने में अक्सर परेशानी होती है। सीएम ने जांच रिपोर्ट के नामित अधिकारियों को जांच रिपोर्ट में ‘आंशिक रूप से आरोप प्रमाणित’ शब्द का प्रयोग न करने के निर्देश दिए।
…नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
कहा, जांच अधिकारी इस शब्द का प्रयोग कर कहीं न कहीं दोषी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागीय नियमावली में भी ऐसे किसी शब्द का उल्लेख नहीं है। सीएम योगी ने कहा कि आगे से किसी भी जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इस शब्द का प्रयोग किया तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
सीएम की नाराजगी के बाद विभाग को शासनादेश जारी
सीएम ने बैठक में अधिकारियों को जांच रिपोर्ट में ‘आरोप सिद्ध पाया गया’ या ‘निराधार पाया गया’ का स्पष्ट उल्लेख करने का निर्देश दिया ताकि लापरवाह अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ एक्शन लिया जा सके। सीएम योगी की नाराजगी के बाद शासन ने विभाग को शासनादेश जारी कर निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।