मुठभेड़ : चश्मदीद गवाह की हत्या करने आया था संजीव ‘पकौड़ी’, खुद ही हुआ ढेर

मुठभेड़ : चश्मदीद गवाह की हत्या करने आया था संजीव ‘पकौड़ी’, खुद ही हुआ ढेर

मेरठ में इनामी बदमाश संजीव पकौड़ी ने सरूरपुर खुर्द की प्रधान कविता चौधरी को धमकी दी थी कि वह दोहरे हत्याकांड में चश्मदीद गवाह कविता को गवाही देने 24 अक्तूबर को कचहरी तक भी नहीं पहुंचने देगा। इस कुख्यात ने शनिवार रात प्रधान के घर पहुंचकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। कविता के सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी फायरिंग की तो वहां से भागे संजीव को पुलिस ने कक्केपुर के जंगल में मुठभेड़ में ढेर कर दिया।

पुलिस के अनुसार 21 नवंबर 2012 को पकौड़ी संजीव ने अपने भाई संजय और साथियों के साथ मिलकर सरधना में कविता के पति नीटू उर्फ रमेश की गोलिया बरसाकर हत्या कर दी थी। नीटू की मौत के बाद पत्नी कविता ने अपने देवर परविंदर से शादी की थी। साल 2015 में कविता ग्राम प्रधान बनी थीं। 25 मई 2017 में संजीव ने परविंदर की भी हत्या कर दी थी। उसके बाद से प्रधान कविता को भी जान का खतरा बढ़ गया था। नीटू और परविंद्र हत्याकांड में कविता चश्मदीद गवाह हैं। तीन दिन बाद 24 अक्तूबर को परविंद्र हत्याकांड में कविता की गवाही होनी है।

कुख्यात संजीव लगातार धमकी दे रहा था कि उसने जैसे नीटू और परविंद्र को मार डाला, वैसे ही कविता को भी जिंदा नहीं छोड़ेगा। कविता की सुरक्षा में पुलिस लाइन से दो और सरूरपुर थाने एक सिपाही तैनात हैं।

यही कारण रहा है कि जिस तरह से शनिवार को संजीव पकौड़ी तीन साथियों के साथ कविता की हत्या करने उनके घर पहुंचा तो कविता के गनरों ने खतरा भांपकर फायरिंग कर दी। जिसके चलते कविता की जान बच गई। बताया गया कि साल 2017 में जब परविंदर की हत्या की गई तो उस समय घर पर कविता के साथ एक सिपाही भी तैनात था।

एक लाख का इनामी होना था
एसओ सरूरपुर सतीश कुमार ने रविवार को बताया कि कुख्यात संजीव पकौड़ी ने सरूरपुर खुर्द की प्रधान कविता चौधरी को धमकी दी थी कि वह उनकी कोर्ट में गवाही नहीं होने देगा। संजीव पर थाना सरूरपुर से 50 हजार, भोजपुर गाजियाबाद से 25 हजार और छपरौली से 25 हजार का इनाम था। उस पर मेरठ से एक लाख का इनाम करने की संस्तुति की जा चुकी थी।

नहीं पहुंचा कोई ग्रामीण
संजीव पकौड़ी का रविवार शाम पोस्टमार्टम किया गया। लेकिन उसके गांव सरूरपुर खुर्द से कोई भी ग्रामीण नहीं पहुंचा। संजीव का भाई संजय और पिता राजेंद्र पहले से जेल में बंद हैं। संजीव का चाचा सुभाष और संजीव का चचेरा भाई राहुल व दूर के रिश्तेदार ही मोर्चरी पहुंचे।

शाम को पुलिस ने संजीव का शव उनके सुपुर्द कर दिया। जब शव गांव में ले जाया गया तो ग्रामीण भी दूरी बनाते नजर आए। रात करीब पौने आठ बजे संजीव के शव का अंतिम संस्कार किया गया। उस समय सीओ सरधना पंकज सिंह और एसओ सरूरपुर सतीश कुमार मौजूद रहे। एसओ सरूरपुर ने बताया संजीव के एक गोली सीने में लगी, जबकि दूसरी पेट में। सीने में लगी गोली पार हो गई थी।

मरने के बाद छह मुकदमे दर्ज
पुलिस ने संजीव और उसके दो अज्ञात साथियों पर छह मुकदमे दर्ज किए हैं। पहला मुकदमा क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार की तरफ से पुलिस पर जानलेवा हमले का दर्ज हुआ। दूसरा मुकदमा चोरी की बाइक का दर्ज हुआ। क्योंकि पुलिस ने चोरी की एक बाइक बरामद की है।

तीसरा मुकदमा इंस्पेक्टर की तरफ से आर्म्स एक्ट का दर्ज हुआ। पुलिस की तरफ से संजीव व दो अन्य पर कुल पांच केस दर्ज किए गए। जबकि छठा मुकदमा कविता चौधरी ने संजीव पकौड़ी और दो अन्य पर जानलेवा हमले का दर्ज कराया है।

कुछ इंसाफ मुझे मिला है
गांव प्रधान कविता चौधरी ने पुलिस को बताया कि मेरा तो सब कुछ बर्बाद हो गया। पहले पति नीटू की हत्या की गई। उसे बाद देवर परविंद्र से शादी की तो लगा कि घर बस जाएगा। लेकिन उसके बाद परविंद्र की भी हत्या कर दी गई। संजीव भले ही मारा गया लेकिन उसने मेरा घर नहीं बसने दिया। लगा कि कुछ इंसाफ मुझे मिला है।

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