Bikru Case: एसआइटी रिपोर्ट के आधार पर कानपुर समेत पूरे प्रदेश में जल्द ही खत्म होगी एस-10 व्यवस्था

Bikru Case: एसआइटी रिपोर्ट के आधार पर कानपुर समेत पूरे प्रदेश में जल्द ही खत्म होगी एस-10 व्यवस्था

कानपुर । बिकरू कांड को लेकर जांच के बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने पुलिसिंग सिस्टम सुधारने के लिए 16 संस्तुतियां की है, इसमें निलंबित पूर्व एसएसपी अनंत देव तिवारी की एस-10 (जनता में से संभ्रांत 10 लोगों का समूह) योजना को भी समाप्त करने की सिफारिश की गई है। एसआइटी ने पूर्व में संचालित विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) व्यवस्था को ही बेहतर माना है। साथ ही प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीवी से निगरानी की संस्तुति की है।

बीती दो जुलाई की रात चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य अभियुक्त विकास दुबे समेत छह आरोपितों को मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मामले में प्रदेश सरकार ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की थी। लंबी जांच के बाद एसआइटी ने 16 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट शासन को दी थी। इसमें तमाम पहलुओं पर प्रकाश डाला गया था, साथ ही पुलिस सिस्टम के सुधार की १६ संस्तुतियां की थी। इसमें सबसे खास संस्तुति एस-१० को लेकर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एस-10 की व्यवस्था  समाप्त कर कई दशकों से प्रचलित एसपीओ को दोबारा बहाल किया जाए। गौरतलब है कि प्रदेश में एस-10 की व्यवस्था का श्रेय आइपीएस अनंतदेव को ही है। निलंबन के बाद उनकी व्यवस्था को नकारा जाना उनके लिए दोहरा झटका है।

एस-10 में घुस आए थे अवांछनीय तत्व

एसआइटी ने रिपोर्ट में कहा है कि बिकरू कांड की जांच के दौरान पता चला कि एस10 में अवांछनीय तत्व घुस आए थे, जो कि पुलिस के सानिध्य में रहकर अपराध कर रहे थे। अब एसपीओ की नियुक्ति के समय पारदर्शिता का ध्यान रखा जाए ताकि गलत लोगों को इसमें प्रवेश न मिले। पहले पुलिस कप्तान उसकी जांच कराएं और इसके बाद संस्तुति डीएम को भेजें। डीएम राजस्व व अन्य सूत्रों से जांच कराएं कि उक्त व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वच्छ छवि और लोक कल्याण की भावना रखने वाला है या नहीं।

जय और रजय दोनों थे एस-10 के सदस्य

एसआइटी ने एस-10 को यूं ही नहीं नकारा। बिकरू कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे का खजांची जय बाजपेयी और उसका भाई रजय दोनों एस-10 के सदस्य बनाए गए थे। कई मुकदमे दर्ज होने के बाद भी इनके एस-10 के सदस्य होने पर सवाल खड़े हुए थे, जिसके बाद इन्हें एस-10 से बाहर कर दिया गया। हालांकि इनके अलावा भी कई उदाहरण सामने आए, जिनमें एस-10 के सदस्यों पर मुकदमा दर्ज पाया गया और कई एस-10 के सदस्य गंभीर आपराधिक मुकदमों में जेल भी गए। अनंत देव के समय ही चकेरी में एस-10के एक सदस्य का विक्षिप्त बुजुर्ग को बांधकर पीटने का वीडियो खूब वायरल हुआ था। एसएसपी के एस-10 ग्रुप में एक बार एक सदस्य ने एक ऐसी फिल्म लोड कर दी थी, जिसको लेकर खासी फजीहत हुई थी।

इनका ये है कहना 

एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में एस-१० व्यवस्था समाप्त करने के लिए कहा है। शासन का निर्देश मिलते ही इसे अमल में लाया जाएगा। – मोहित अग्रवाल, आइजी

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