राफेल पर सरकार को क्लीनचिट: भाजपा बोली- सत्यमेव जयते, देश से माफी मांगें राहुल
उच्चतम न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने गुरुवार को राफेल सौदे पर सुनवाई की। पीठ ने कहा कि इस मामले में अलग से जांच की जरूरत नहीं है। इसे लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।
प्रसाद ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी औपचारिक रूप से देश से मांफी मांगे और राहुल गांधी को भी देश से मांफी मांगनी चाहिए। जिनके हाथ पूरी तरह से भ्रष्टाचार में रंगे हैं, देश की सुरक्षा से जिन्होंने खिलवाड़ किया है, वो अपने प्रायोजित राजनीतिक कार्यक्रम को कोर्ट में न्याय की गुहार से रूप में प्रस्तुत कर रहे थे।’
उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने राफेल मामले पर पूरी प्रक्रिया को जांचा जिसे सही बताया, दाम की प्रक्रिया को भी जांचा और सही बताया। सुप्रीम कोर्ट ने ऑफसेट की प्रक्रिया को भी सही ठहराया है। राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चोर हैं। इससे बड़ा कोई झूठ नहीं है और आज अदालत में यह साबित हो गया है।’
भाजपा नेता ने कहा, ‘अदालत का आज का फैसला सर्वसम्मत से था। अदालत ने उनकी माफी को स्वीकार कर लिया है और राहुल गांधी को अधिक सावधान रहने के लिए कहा है। अदालत ने दोबारा कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान के गुणों के बारे में कोई संदेह नहीं है। राहुल गांधी ने कहा था कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने प्रधानमंत्री मोदी को चोर कहा था। जिसपर सफाई देते हुए ओलांद ने इसे झूठ बताया था। ऑफसेट पार्टनर को चुनने का फैसला दसॉल्ट ने लिया था न कि भारत सरकार ने।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जब ये सुप्रीम कोर्ट से हार गए तो इन्होंने इसे लोकसभा चुनाव में अपना मुख्य मुद्दा बनाया और राहुल गांधी ने तो यहां तक कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारे लोकप्रिय और ईमानदार नेता को चोर कहा है। कांग्रेस ने झूठ बोला, हमारे ईमानदार प्रधानमंत्री के खिलाफ अभियान चलाया, भारत की विदेशों में साख को घटाने की कोशिश की। इसलिए आज राहुल गांधी को देश से माफी मांगने की जरुरत है, क्योंकि अदालत ने आज मानहानि मामले पर माफी मांगने पर आपको छोड़ा है।’
भाजपा नेता ने पूछा, ‘कोर्ट ने तो माफी मांगने पर आपको छोड़ दिया, लेकिन क्या देश की जनता से आंख मिलाने के लिए माफी मांगेंगे? आज देश ये जानना चाहता है कि वो कौन सी ताकतें थी जो राहुल गांधी के पीछे खड़ी थी। हम इतना ही कह सकते हैं कि यह अभियान पूरी तरह संशय से घिरा हुआ है।’