दिल्ली में प्रमुख व्यापारी नेताओं ने बुलाई बैठक, तुर्की और अजरबैजान का करेंगे बॉयकॉट

दिल्ली में प्रमुख व्यापारी नेताओं ने बुलाई बैठक, तुर्की और अजरबैजान का करेंगे बॉयकॉट

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कल नई दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं की एक राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस बुलाई है, जिसमें पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण तुर्की एवं अजरबैजान के साथ व्यापारियों द्वारा सभी वस्तुओं का आयात-निर्यात व्यापार बंद किए जाने पर निर्णय लिया जाएगा। कैट का कहना है कि जो भी देश के खिलाफ है, उसके साथ व्यापार करने का कोई सवाल ही नहीं है। देश के व्यापारियों द्वारा अपनी देशभक्ति को प्रदर्शित करने का यही समय है। पूरे देश के साथ व्यापारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर खड़े हैं। कॉन्फ्रेंस में भारत की सेनाओं के शौर्य एवं पराक्रम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए देश भर में तिरंगा यात्रा का आयोजन एवं ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के व्यापार को हड़पने के खिलाफ भी बड़े निर्णय लिए जाएंगे।

तुर्की और अजरबैजान के साथ व्यापार नहीं करेंगे व्यापारी

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि उपलब्ध जानकारी के मुताबिक व अप्रैल 2024 से लेकर फरवरी 2025 के अप्रैल के बीच भारत का तुर्की से निर्यात 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि इसी अवधि में भारत का तुर्की से आयात 2.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 3.78 अरब अमेरिकी डॉलर था। इसी प्रकार इसी अवधि में अजरबैजान को भारत का निर्यात केवल 86.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 89.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। दूसरी तरफ अजरबैजान से भारत का आयात इसी समय के दौरान केवल 1.93 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो  2023-24 में  0.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।

क्या बोले कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि भारत से तुर्की को रिफाइंड पेट्रोलियम, मोटर व्हीकल्स और पार्ट्स, स्टील, कैमिकल्स, दवाएं, कीमती पत्थर और वस्त्र सहित कई प्रमुख वस्तुएं निर्यात होती हैं, जबकि तुर्की से भारत को कच्चा पेट्रोलियम, मशीनरी, मार्बल, गोल्ड, फल, प्लास्टिक और वस्त्र आयात होते हैं। भारत से अजरबैजान को तंबाकू, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, दवाएं, सिरेमिक उत्पाद, अनाज आदि निर्यात होते हैं जबकि अजरबैजान से भारत को प्रमुख रूप से खनिज तेल, केमिकल्स, कच्ची खालें, एल्यूमिनियम और कॉटन आदि आयात होते हैं।