अब नीतीश की नजर यूपी पर,पार्टी विस्‍तार का बनाया बड़ा प्‍लान, इसी महीने लखनऊ में होगा बड़ा कार्यक्रम

अब नीतीश की नजर यूपी पर,पार्टी विस्‍तार का बनाया बड़ा प्‍लान, इसी महीने लखनऊ में होगा बड़ा कार्यक्रम

पटना । बिहार के सीमए नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू  के पश्चिम बंगाल और असम के बाद अब उत्तर प्रदेश  में भी विस्तार की बड़ी तैयारी कर रखी है। यूपी में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जदयू जोश-ओ-खरोश के साथ भागीदारी करेगा। अभियान का आगाज इसी महीने 23-24 तारीख को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर लखनऊ  में समारोह के बहाने होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह जिम्मेवारी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागीको दी है।

केसी त्‍यागी को मिली बड़ी जिम्‍मेदारी

यूपी में चुनाव लड़ने का फैसला नीतीश कुमार ने पटना में जदयू के दो दिन के राष्ट्रीय समागम के दौरान नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह  और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से परामर्श के बाद लिया है। केसी त्यागी यूपी एवं बिहार से चार बार एमपी रह चुके हैं। उनके पास पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह , वीपी सिंह और मुलायम यादव  समेत कई वरिष्ठ नेताओं के साथ यूपी में काम करने का अनुभव रहा है। संगठन की क्षमता भी है।

जदयू के लिए ऐसे है संभावना

त्यागी ने दावा किया कि यूपी में जदयू के लिए काफी संभावनाएं हैं। सामाजिक समीकरण अनुकूल है। बिहार से सटे यूपी के जिलों में कुर्मी समुदाय  की बड़ी आबादी है। यह यादवों के लगभग बराबर है। अति पिछड़े समुदाय की भी अच्छी तादाद है। यही कारण है कि भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) ने प्रदेश अध्यक्ष कुर्मी समुदाय से ही चुना है। भाजपा के स्वतंत्र देव और सपा के उत्तम सेन  प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो कुर्मी समुदाय से ही आते हैं। अनुप्रिया पटेल  की पार्टी अपना दल को कुर्मी समुदाय का ही माना जाता है।

नीतीश को नजर आ रही संभावना

यूपी में जदयू के विस्तार की तैयारी के पीछे वहां के सियासी हालात हैं। भाजपा के सामने अन्य सभी दलों का सामर्थ्‍य कमजोर हुआ है। त्यागी के मुताबिक कांशीराम के बाद मायावती के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी जमीन से कटती जा रही है। मुलायम सिंह यादव की सपा भी पस्त होती जा रही है। अपना दल अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा। सरकार में कुर्मी समुदाय को समानुपातिक प्रतिनिधित्व नहींं मिलने से निराशा है। ऐसे में जदयू अपनी जड़ें जमा सकता है। जदयू ने पांच साल पहले भी चुनाव की तैयारी की थी। नीतीश कुमार ने बनारस  , इलाहाबाद अब प्रयागराज  , गोरखपुर एवं कानपुर मंडलों में करीब दर्जन भर सभाएं की थीं। भीड़ भी अच्छी जुट रही थी, लेकिन अचानक ही जदयू ने चुनाव लडऩे का इरादा त्याग दिया।

गठबंधन की बात अभी नहीं

त्यागी ने बिहार की तरह यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन की संभावनाओं से इन्कार किया और कहा कि अभी यह तय नहीं है। मगर कर्पूरी जयंती पर कार्यक्रम के बाद गठबंधन की संभावनाओं को टटोला जाएगा। समान विचारधारा वाले दलों से प्रस्ताव आए तो पहल होगी नहीं तो हम अकेले ही लड़ने की तैयारी करेंगे।

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