कुमारी शैलजा के बीजेपी में जाने की चर्चा के बीच मायावती का बड़ा बयान, कांग्रेस पर निशाना

कुमारी शैलजा के बीजेपी में जाने की चर्चा के बीच मायावती का बड़ा बयान, कांग्रेस पर निशाना

हरियाणा में विधानसभा चुनाव करीब आते ही राजनीति गरमाने लगी है। कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की चर्चाएं जोरों पर हैं। जहां हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शैलजा को बीजेपी में खुला निमंत्रण दिया है, वहीं मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी ने भी उनके समर्थन में बयान दिया है। बताया जा रहा है कि शैलजा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मतभेदों के चलते पार्टी छोड़ने पर विचार कर रही हैं। इसी बीच, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है और कुमारी शैलजा को नसीहत दी है।

“दलित नेताओं को खुद ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए” – मायावती

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने विचार साझा करते हुए लिखा, “अब तक की राजनीतिक घटनाओं से साफ है कि कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे वक्त में दलितों की याद आती है, लेकिन जैसे ही उनका समय अच्छा होता है, वे दलित नेताओं को दरकिनार कर देती हैं। हरियाणा में भी यही हो रहा है। ऐसी अपमानजनक स्थिति का सामना कर रहे दलित नेताओं को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर से प्रेरणा लेकर इन पार्टियों से खुद को अलग कर लेना चाहिए।”

दलितों को बाबा साहेब के मार्ग पर चलने की सलाह

मायावती ने आगे लिखा, “बाबा साहेब ने कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान के लिए केंद्रीय कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी प्रेरणा से ही मैंने भी दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर राज्यसभा से इस्तीफा दिया। इसलिए, दलितों को भी उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए। कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियां हमेशा से आरक्षण के खिलाफ रही हैं। राहुल गांधी ने विदेश में तो आरक्षण खत्म करने का एलान भी कर दिया है। इसलिए दलितों को ऐसी संविधान और आरक्षण विरोधी पार्टियों से सावधान रहना चाहिए।”

कुमारी शैलजा क्यों छोड़ना चाहती हैं कांग्रेस?

बता दें कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान कुमारी शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस में अंतर्कलह चल रही है और मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। खट्टर ने इशारा किया कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है। उन्होंने कुमारी शैलजा को “दलित बहन” कहकर उन्हें बीजेपी में शामिल होने का निमंत्रण दिया।


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