ममता सरकार भी सीएए के खिलाफ लाएगी प्रस्ताव, राजस्थान-महाराष्ट्र पहले ही कर चुके हैं एलान

ममता सरकार भी सीएए के खिलाफ लाएगी प्रस्ताव, राजस्थान-महाराष्ट्र पहले ही कर चुके हैं एलान

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि आगामी 27 जनवरी को दोपहर दो बजे विधानसभा के विशेष सत्र में यह प्रस्ताव लाया जाएगा।

इससे पहले केरल और कांग्रेस नेतृत्व वाले पंजाब में यह प्रस्ताव लाया जा चुका है। साथ ही प्रमुख विपक्षी दल की सत्ता वाले राजस्थान व महाराष्ट्र ने भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा कांग्रेस की ही सत्ता वाले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी जल्द ही यह कदम उठाए जाने की संभावना सूत्रों ने जताई है। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने सीएए के खिलाफ आगामी बजट सत्र में एक संकल्प प्रस्ताव विधानसभा में पारित कराने का निर्णय लिया है।

राजस्थान के संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार को कहा था कि विधानसभा में बजट सत्र 24 जनवरी से शुरू होगा और यह प्रस्ताव पहले दिन ही पेश होने की संभावना है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एससी/एसटी आरक्षण को 10 साल के लिए आगे बढ़ाने वाले बिल को 25 जनवरी से पहले ही मंजूरी देना आवश्यक है। इसलिए बजट सत्र 24 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि पिछले साल बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों ने वाजिब अली के नेतृत्व में शुक्रवार को इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र सौंपकर विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की मांग की थी।

उधर, महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी सरकार भी जल्द ही विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश करेगी। कांग्रेस प्रवक्ता राजू वाघमारे ने कहा कि हमारे गठबंधन के वरिष्ठ नेता जल्द ही इस मुद्दे पर बैठक आयोजित कर निर्णय लेंगे।

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