LAC पर हलचल तेज, भारतीय सेना ने तैनात किया आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में LAC पर भारत चीन के बीच तनाव चरम जारी है। लगातार बढ़ रही तनातनी के बीच भारतीय सेना ने एलएसी पर आकाश मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात कर दिया है। भारतीय सेना एलएसी पर पीएलए की किसी भी हरकत का माकूल जवाब देने को तैयार है।
चीन के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहे हैं, पिछले कुछ दिनों से चीनी एयरफोर्स ने LAC के पास इलाकों में हलचल तेज कर दी है, जिसको लेकर भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क है और हर चीन को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है।
क्या है आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम
- सतह से हवा में मार करके दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकती है
- अचूक निशाना लगाने वाली स्वदेशी तकनीक लगी है
- फाइटर जेट्स, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल को ध्वस्त कर सकती है
- आकाश मिसाइल ब्रह्मोस की तरह सुपरसॉनिक मिसाइल है
- आकाश की अधिकतम स्पीड 2.5 मैक (3,087 किलोमीटर प्रति घंटा) है
- यह मीडियम रेंज मिसाइल है, जो 25 किलोमीटर तक मार कर सकती है
- कमांड गाइडेंस सिस्टम के साथ यह 60 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम
- किसी भी मौसम में मार कर सकती है
चीन की एयरफोर्स की किसी भी हरकत का माकूल जवाब देने के लिए भारत ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है। अब पूरे सेक्टर में ऐडवांस्ड क्विक रिएक्शन वाला सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है जो चीन के किसी भी फाइटर जेट को पलभर में तबाह कर सकता है।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लगातार बढ़ते बिल्ड-अप के बीच, इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स, दोनों के एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं। ऐसे में अब अगर चीनी एयरफोर्स या PLA चॉपर्स ने कोई भी चालाकी की तो उसे अंजाम भुगतने की लिए तैयार रहना होगा आकाश मिसाइल सिस्टम में कई मॉडिफिकेशंस और अपग्रेड किए गए हैं ताकि इसे पहाड़ी इलाकों में भी उसी एक्युरेसी के साथ यूज किया जा सके।
दशकों तक चुकानी होगी चीन को कीमत
गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों के शहीद होने की उसे दशकों तक कीमत चुकानी होगी। चीन ने भारत और अन्य स्थानों पर अपनी साख को खो दिया है।” गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई ने इस दृष्टिकोण को मजबूत किया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ‘‘सिर्फ एक राजनीतिक” बल है और यह सैन्य मानकों के अनुरूप नहीं है।
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