पुलिस कस्टडी में ‘मौत’ पर भड़के किसान, कहा- इंस्पेक्टर को बुला दो… उलटा लटका देंगे, जमकर बखेड़ा

हापुड़ के पिलखुवा थाना पुलिस द्वारा दी थर्ड डिग्री से लाखन गांव निवासी प्रदीप तोमर की मौत होने के आरोप को लेकर सोमवार दिन भर बखेड़ा हुआ। दिन निकलते ही गुस्साई भीड़ ने मेडिकल इमरजेंसी पहुंचकर प्रदीप का शव छीनने की कोशिश की। पुलिस से भी भीड़ ने हाथापाई की। उसके बाद 200-250 ग्रामीणों ने कमिश्नर कार्यालय में धरना देकर आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पिलखुआ इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।

प्रदीप तोमर को पिलखुवा पुलिस हापुड़ के निजी अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए चली थी। रविवार रात्रि 12 बजे हापुड़ पुलिस शव को लेकर पहुंची। जहां मेडिकल इमरजेंसी के डॉक्टरों ने प्रदीप को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद पोस्टमार्टम मेरठ में ही होना था। जिसके बाद शव को मेडिकल इमरजेंसी में रखवा दिया गया। रात में प्रदीप का भाई कुलदीप और दो अन्य रिश्तेदार भी साथ थे। प्रदीप के गांव में खबर फैली कि प्रदीप की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई है तो सोमवार सुबह ही 70-80 लोग गाड़ियों से मेडिकल इमरजेंसी पहुंच गए। उस समय वहां मेडिकल थाना पुलिस और यूपी 100 पुलिस थी।

भीड़ इमरजेंसी में घुस गई और कहा कि प्रदीप को हमें दिखाया जाए। हापुड़ पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर भीड़ ने तोड़फोड़ की कोशिश की। इस दौरान मेडिकल थाना पुलिस से हाथापाई कर दी गई। जिसके बाद सीओ सिविल लाइन हरिमोहन सिंह सिविल लाइन, नौचंदी और अन्य थानों की फोर्स के साथ पहुंचे। पुलिस ने लाठी फटकारकर भीड़ को खदेड़ा। जिसके बाद कड़ी सुरक्षा में शव को पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया गया।

इंस्पेक्टर को बुला दो… उलटा लटका देंगे

सोमवार सुबह ही ग्रामीणों ने कमिश्नरी में धरना शुरू कर दिया। स्थानीय पुलिस के अलावा हापुड़ से एएसपी और सीओ भी कमिश्नरी पहुंच गए। उधर, सपा नेता अतुल प्रधान भी समर्थकों के साथ पहुंच गए। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि इंस्पेक्टर पिलखुवा को यहीं बुला दो, उल्टा लटका देंगे। एक निर्दोष को कैसे पीटा आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज नहीं होगा तो धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने धौलाना के विधायक असलम चौधरी से भी मोबाइल पर बात की। शाम चार बजे भीड़ जबरन कमिश्नरी में घुस गई। पुलिस ने स्थिति को संभाला। रात को पुलिस शव को पोस्टमार्टम के बाद हापुड़ ले जाने की तैयारी कर रही थी।

आपबीती सुनाते बिलख पड़ा राहुल
प्रदीप डासना में सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी करता था। दो बेटे राहुल (13) और नितिन (9) हैं। राहुल ने कमिश्नरी पर पुलिस अधिकारियों को बताया कि मेरे पापा को पुलिस ने पहले तो मेरे सामने पीटा। जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं रोने लगा और हाथ जोड़े। लेकिन पुलिस ने मुझे डराया। उसके बाद चौकी से मुझे बाहर बैठा दिया। अंदर से मेरे पापा चिल्ला रहे थे और पुलिस उन्हें पीट रही थी। किशोर ने बताया कि मुझे भी कई थप्पड़ मारे। प्रदीप के छोटे भाई कुलदीप ने भी मारपीट का आरोप लगाया।

यह बोले ईएमओ
मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि प्रदीप तोमर को रविवार रात करीब साढ़े 12 बजे इमरजेंसी में लाया गया था। उसका ईसीजी कराया गया। ब्लड प्रेशर चेक किया गया, मगर वह मृत पाया गया। पुलिसवाले उसके परिजनों के साथ उसे लेकर आए थे। परिजन उसका पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर रहे थे। बाद में समझाने पर वह राजी हुए।


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