परिवार ने बनाया शादी का दबाव तो छोड़ा घर, अब UP PCS में मिली सफलता

परिवार ने बनाया शादी का दबाव तो छोड़ा घर, अब UP PCS में मिली सफलता

मेरठ: उत्तर प्रदेश की एक बेटी ने अपनी हिम्मत के बल पर ऐसा काम कर दिखाया कि आज हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है। जी हां, मेरठ की रहने वाली संजू रानी वर्मा ने बीते दिनों यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित किए गए पीसीएस 2018 के अंतिम चयन परिणाम में कामयाबी हासिल की है। अब जल्‍द ही संजू कमर्शल टैक्‍स ऑफिसर के रूप में अपना पदभार ग्रहण करेंगी।

मां का देहांत के बाद घरवालों ने बनाया शादी का दबाव तो घर छोड़ा
संजू रानी वर्मा ने यहां तक का सफर तय करने में कई मुसीबतों का सामना किया फिर भी उन्होंने हौंसला नहीं छोड़ा। 2013 में संजू की मां का निधन हो गया तो मानों उनके ऊपर पहाड़ टूट पड़ा। संजू मेरठ के आरजी डिग्री कॉलेज से ग्रैजुएशन कर चुकी थीं और दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पीजी कर रही थीं। इस दौरान संजू के घरवालों ने उनसे कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर शादी करने का दबाव बनाया। शादी करने का दबाव जैसे-जैसे बढ़ा उनका धर्म संकट बढ़ता गया। उन्‍हें अपने सपनों और पारिवारिक जीवन के बीच किसी एक का चुनाव करना था। इसमें से संजू ने कैरियर को चुना और घर छोड़ दिया। अब यूपीएससी क्रेक करने के बाद संजू को इस बात का अफसोस नहीं है कि उन्‍होंने अपने सपनों को चुना।

किराए पर एक कमरा लेकर बच्‍चों को पढ़ाया ट्यूशन
पिछले सप्‍ताह उनका नाम उन सफल प्रतियोगियों की लिस्‍ट में था जिन्‍होंने यूपी पीसीएस एग्‍जाम (2018) में कामयाबी हासिल की थी। संजू बताती हैं, ‘उस साल (2013) में मैंने न केवल अपना घर छोड़ा बल्कि मुझे डीयू का अपना वह पीजी कोर्स भी छोडऩा पड़ा। मैंने किराए पर एक कमरा लिया और बच्‍चों को पढ़ाने लगी। मैंने प्राइवेट स्‍कूलों में पार्ट टाइम टीचर के तौर पर भी पढ़ाया। लेकिन किसी तरह मैं सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी करती रही।’

आईएएस बनने का है सपना 
अब जल्‍द ही संजू कमर्शल टैक्‍स ऑफिसर के रूप में अपना पदभार ग्रहण कर लेंगी। लेकिन उनके सपने अभी और ऊंचे हैं। वह कहती हैं, ‘मैं उम्‍मीद कर रही थी कि मुझे एसडीएम की पोस्‍ट मिलेगी। मेरा अंतिम लक्ष्‍य सिविल सेवा परीक्षाओं में सफल होना है। मैं जिलाधिकारी बनना चाहती हूं।’


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