Delhi Farmers Protest Violence: दिल्‍ली हिंसा केे लिए 37 किसान नेता जिम्‍मेदार, पुलिस ने दर्ज की FIR

Delhi Farmers Protest Violence: दिल्‍ली हिंसा केे लिए 37 किसान नेता जिम्‍मेदार, पुलिस ने दर्ज की FIR

नई दिल्ली । किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। इस बीच इस हिंसा को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। वहीं, इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने बुधवार को पत्रकार वार्ता की। इसमें दिल्ली पुलिस कमिश्वर एसएन श्रीवास्तव हिंसा को लेकर कई अहम खुलासे किए।दिल्‍ली पुलिस की एफआइआर के हिसाब से 37 किसान नेता इस हिंसा के लिए जिम्‍मेदार रहे। इनमें मेधा पाटकर, बूटा सिंह, योगेंद्र यादव शामिल हैं। एफआइआर के मुताबिक इन्‍हें ही जिम्‍मेदार माना गया है। किसान ट्रैक्‍टर रैली के बाद दिल्‍ली में भड़की हिंसा के लिए दिल्‍ली पुलिस लगातार छानबीन कर रही है। इस हिंसा के लिए दोषी लोगों को खोजा जा रहा है। एफआइआर में यह भी कहा गया है कि किसानों के साथ हुई वार्ता के बाद जो समय और रूट तय किया गया था उसके हिसाब ये यह लोग नहीं चले रहे थे। यह सिर्फ रिपब्‍लिक डे की परेड में रुकावट डालने के लिए किया गया था।

बता दें कि किसानों के इस हिंसक में दिल्ली पुलिस के 83 जवान घायल हो गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, अब तक 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हिंसा के बाद आधिकारिक जानकारी देते हिुए दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में उनके 83 कर्मचारी घायल हो गए।

32 बसों में तोड़फोड़ शीशे और लाइटें तोड़ीं

दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान 32 से अधिक बसें उपद्रव की भेंट चढ़ गई हैं। इन बसों के शीशे और लाइटें तोड़ दी गई हैं। इसके अंदर अन्य नुकसान भी पहुंचाया गया है। इनमें डीटीसी और क्लस्टर सेवा की बसे शामिल हैं। कुछ स्थानों पर बसों की हवा निकालने की भी कोशिश की गई है। कुछ बसें पुलिस फोर्स को ले जाने के लिए भी लगी थीं। इनमें पांच बसें आइटीओ के आसपास ही तोड़ दी गईं।

डीटीसी एक अधिकारी के अनुसार सामान्य दिनों में डीटीसी द्वारा 3,300-3,400 बसों का परिचालन किया जाता है, लेकिन 26 जनवरी को पूरे दिन में 2,875 बसों को उतारा गया। जिसमें सुबह के समय 1,975 बसें और दोपहर के समय में 900 बसों का परिचालन किया गया। डीटीसी ने गणतंत्र दिवस की परेड के चलते कुछ बसों के रूट में भी परिवर्तन भी किया था। सड़कों पर बसों के न होने की वजह से यात्रियों को परेशानी भी हुई। गंतव्य स्थल तक जाने के लिए यात्री भटकते दिखे।

अंतरराज्यीय बसें भी दिल्ली कम आईं

ट्रैक्टर परेड के आयोजन के चलते राजधानी के अंतरराज्यीय बस अड्डों पर कम संख्या में बसें पहुंचीं। दूसरे राज्यों की 416 बसों का दिल्ली में आवागमन हुआ। सबसे कम 28 बसें कश्मीरी गेट बस अड्डे पर पहुंची। उसके बाद सराय काले खां बस अड्डे पर 58 और आनंद विहार बस अड्डे पर 330 बसें आईं।

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