Delhi Air Pollution: दिल्ली में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर, ये है इसकी बड़ी वजह

Delhi Air Pollution: दिल्ली में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर, ये है इसकी बड़ी वजह

नई दिल्ली । राजधानी की आबोहवा पिछले कई दिनों से खराब श्रेणी में बनी हुई है। इसमें सुधार होता नहीं दिख रहा है। पंजाब व हरियाणा में जलाई जा रही पराली का धुआं भी दिल्ली पहुंचने लगा है। इस वजह से शनिवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया और हवा की गुणवत्ता पिछले दिन के मुकाबले ज्यादा खराब हो गई। इसका तात्कालिक कारण पराली जलाने की बढ़ती घटनाएं बताई जा रही हैं।

सफर इंडिया के अनुसार वातावरण में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)- 2.5 की मात्रा बढ़ गई है। इसमें 19 फीसद हिस्सेदारी पराली के धुएं की है। पंजाब व हरियाणा में 882 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं हुई। हवा की दिशा अनुकूल होने के कारण उसका धुआं दिल्ली पहुंचने से प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ गया। शनिवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 286 दर्ज किया गया। एक दिन पहले यह 239 था।

बृहस्पतिवार को एक्यूआइ 315 पहुंच गई थी। उस दिन 12 फरवरी के बाद हवा की गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की गई थी। बताया जा रहा है कि सोमवार तक प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की संभावना है। यदि सफर इंडिया के आंकड़ों पर गौर करें, तो दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण स्थानीय है। हवा की गति कम होने के कारण धूलकण वातावरण में ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। प्रदूषण बढ़ने का यह भी एक बड़ा कारण है।उल्लेखनीय है कि प्रदूषण के कारण कोरोना का संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है। इस बाबत डॉक्टरों ने सचेत भी किया है कि कोरोना के दौर में इस साल प्रदूषण।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने शनिवार को उत्तर दिल्ली नगर निगम के साथ बड़े स्तर पर अभियान चलाया। इस अभियान के तहत वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र की प्रदूषण फैला रहीं सात इकाइयों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया गया। इनमें से छह में स्टेनलेस स्टील की गतिविधियां चल रही थीं, जबकि एक में जिंक का स्टिंग का काम चल रहा था। ये सभी इकाइयां डीपीसीसी को जानकारी दिए बिना चल रही थीं। इन इकाइयों में प्रदूषण उत्सर्जन नियंत्रण के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। धूल उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए सिस्टम न होने से आसपास के लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। साथ ही पर्यावरण के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा शनिवार को 10 और प्रदूषणकारी इकाइयों का निरीक्षण किया गया। इनमें सात यूनिट ईंधन के रूप में पीएनजी का उपयोग कर रही थीं।

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