राजस्थान से निकल गई भारत जोड़ो यात्रा, लेकिन रेगिस्तान का तूफान अभी थमा नहीं

राजस्थान से निकल गई भारत जोड़ो यात्रा, लेकिन रेगिस्तान का तूफान अभी थमा नहीं

25 दिसंबर से 2 जनवरी तक भारत जोड़ो यात्रा में 9 दिनों का लंबा ब्रेक होगा. इसी दौरान पार्टी आलाकमान इस मुद्दे पर चर्चा करेगा. अनुशासन समिति 24 दिसंबर से पहले अपनी रिपोर्ट खरगे को सौंप देगी.

New Delhi : राजस्थान में लंबा सफर तय करने के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सूबे से निकल चुकी है. अब यात्रा और राहुल गांधी राजस्थान के पड़ोसी राज्य हरियाणा में हैं, लेकिन अशोक गहलोत और सचिन पायलट का झगड़ा अब भी राजस्थान में जस का तस बना हुआ है.राहुल गांधी की यात्रा जब राजस्थान में दाखिल होने वाली थी, तब भी कांग्रेस पार्टी के इन दोनों क्षत्रपों की तल्खियां चरम पर थीं. इसकी बानगी तब और देखनें को मिली जब यात्रा के राजस्थान पहुंचने के ठीक पहले अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहते हुए विवाद को और हवा दे दी.

इस बयान के बाद आनन-फानन में सक्रिय हुए कांग्रेस के रणनीतिकारों ने गहलोत-पायलट को राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के मद्देनजर समझा बुझाकर विवाद को ठंडे बस्ते में डाल दिया. फिर पूरी यात्रा के दौरान ये दोनों नेता साथ भी नजर आए और इनके बीच तकरार भी नदारद रही. बिना किसी विवाद और बयानबाजी के राहुल की यात्रा राजस्थान से गुजर गई. चंद दिनों की इस शांति से पार्टी ने राहत की सांस जरूर ली है, लेकिन रेगिस्तान का तूफान अभी थमा कहां है, बस ठहर गया है. कुछ पल के लिए.

भारत जोड़ो यात्रा की छुट्टी वाले दिन का इंतजार

कांग्रेस पार्टी भी इस बात से वाकिफ है. ऐसे में राजस्थान के विवाद को सुलझाने के लिए पार्टी आलाकमान ने भारत जोड़ो यात्रा में होने वाले ब्रेक का वक्त चुना है. यानी 24 दिसंबर के बाद होने वाला ब्रेक. 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक भारत जोड़ो यात्रा में 9 दिनों का लंबा ब्रेक होगा. इसी दौरान पार्टी आलाकमान इस मुद्दे पर चर्चा करेगा. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का मानना है कि अभी कोई चर्चा करने से भारत जोड़ो यात्रा से फोकस शिफ्ट हो जाएगा.

धारीवाल, जोशी और राठौर का क्या होगा?

सूत्रों के मुताबिक, दो मंत्री शांतिलाल धारीवाल, महेश जोशी और विधायक धर्मेंद्र राठौर को लेकर अनुशासन समिति 24 दिसंबर से पहले अपनी रिपोर्ट खरगे को सौंप देगी. इन तीनों को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसके बाद ही खरगे गांधी परिवार, खासकर सोनिया गांधी से चर्चा कर राजस्थान के मसले पर अंतिम फैसला करेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि, जब जयपुर में विवाद हुआ था तब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ही थीं और खरगे बतौर पर्यवेक्षक वहां गए थे.

जो करेंगे खरगे करेंगे, लेकिन गांधी परिवार की राय से

इसके अलावा पार्टी सूत्रों ने उन अटकलों को सिरे से खारिज किया है, जिसमें राहुल गांधी, सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बंद कमरे में इस विषय पर चर्चा की बात आई थी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राज्य में यात्रा की आखिरी रात राहुल वहां के नेताओं से मुलाकात कर अपने अनुभव साझा करते हैं और सलाह देते हैं, ठीक वही राजस्थान में हुआ. उस रात किसी बदलाव या विवादित मसले पर कोई चर्चा नहीं हुई. सूत्रों का कहना है कि जो भी होगा वो खरगे ही चर्चा करके करेंगे, जिसमें गांधी परिवार की राय भी शामिल रहेगी.

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