परिवार नियोजन के लिए अंतरा सबसे उपयुक्त साधन स्वास्थ्य इकाइयों पर आज मनेगा विशेष अंतरा दिवस

सहारनपुर [24CN] । परिवार नियोजन की दिशा में महिलाओं के लिए अंतरा इंजेक्शन की उपयोगिता निर्विवाद है। सबसे खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह इंजेक्शन जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी और पीएचसी) पर भी उपलब्ध है। शुक्रवार (9 अप्रैल) को जिले की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर विशेष अंतरा दिवस मनाया जाएगा। परिवार नियोजन को लेकर सरकार गंभीर है। इसीलिए पुरुष नसबंदी से लेकर परिवार नियोजन की दिशा में कई और उपायों पर जोर दिया जाता रहा है। जहां तक अंतरा इंजेक्शन की बात है तो यह बहुत उपयोगी है।

जिला अस्पताल में परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. बी.एस. पुंडीर का कहना है कि वैसे तो गर्भनिरोधन के तमाम साधन उपलब्ध हैं लेकिन, महिलाओं के लिए त्रैमासिक इंजेक्शन अंतरा की खूबियां कुछ अलग हैं। महिला नसबंदी, ओरल कंट्रासेप्टिव्स, पीपीआयूसीडी और आयूसीडी जैसे साधनों की तुलना में त्रैमासिक इंजेक्शन अंतरा की उपयोगिता कुछ ज्यादा है।डा. पुंडीर के मुताबिक यह इंजेक्शन तीन महीने तक गर्भधारण की चिंता से मुक्ति दिलाता है। साथ में एनीमिया से बचाता है। इंजेक्शन लगवाने के बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं पर वह नुकसानदायक नहीं होते।

उन्होंने कहा कि यह फकत भ्रांति है कि इंजेक्शन से महिलाओं में खून की कमी हो जाती है। सच्चाई तो यह है कि ऐसा कुछ नहीं होता। इसलिए परिवार नियोजित रखने के लिए बेझिझक, बेहिचक और बेबाक होकर अंतरा इंजेक्शन का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया अंतरा इंजेक्शन अपनाने से महिलाओ में माहवारी के दौरान खून कम निकलता है। इस वजह से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बना रहता है। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन का कंपोजीशन ऐसा होता है जो गर्भाश्य के कैंसर की रोकथाम में भी उपयुक्त है। यह एक श्रेयस्कर गर्भनिरोधक है।

डा. पुंडीर ने बताया सेठ बलदेवदास बाजोरियो जिला अस्पताल में चिकित्सकों, एएनएम, सीएचओ को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश टेक्नीकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) की मदद से प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है। अब जिले के हर सीएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर यह इंजेक्शन उपलब्ध है। गर्भ न चाहने वाली महिलाओं को चाहिए कि वह इस इंजेक्शन को बिना किसी भय और भ्रांति के अपनाएं। उन्होंने बताया नवविवाहित दंपति, प्रसव के बाद स्तनपान कराने वाली महिलाएं, प्रसव के छह सप्ताह बाद, जो महिलाएं दो बच्चों में अंतर रखना चाहती हैं, उनके लिए यह इंजेक्शन बहुत उपयोगी है।

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