घाटी में आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ने की कार्रवाई, गिलानी का घर सहित 20 प्रॉपर्टी सील

घाटी में आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ने की कार्रवाई, गिलानी का घर सहित 20 प्रॉपर्टी सील

राज्य जांच एजेंसी की छानबीन पर कश्मीर के विभिन्न जिलों में संपत्तियों को कुर्क किया गया है. कश्मीर घाटी के बडगाम, मागम, पुलवामा, अवंतीपोरा, कुलगाम और श्रीनगर जिलों में भी छापेमारी की गई हैं.

New Delhi : जम्मू कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने श्रीनगर के बारजुल्ला में हुर्रियत कांफ्रेंस (जी) के पूर्व अध्यक्ष सैयद अली गिलानी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने उन नाम की कुछ संपत्तियों सहित कम से कम 20 संपत्तियां कुर्क की हैं. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की छानबीन पर कश्मीर के विभिन्न जिलों में संपत्तियों को कुर्क किया गया है. कश्मीर घाटी के बडगाम, मागम, पुलवामा, अवंतीपोरा, कुलगाम और श्रीनगर जिलों में भी छापेमारी की गई हैं. श्रीनगर जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने पहले ही जमात-ए इस्लामी की तीन संपत्तियों को सील करने का आदेश दिए थे.

डीएम द्वारा दिए गए आदेश में दो मंजिला आवासीय मकान शामिल था, जो सैयद अली शाह गिलानी के नाम पर श्रीनगर के बारजुल्ला में दर्ज हैं, यह 17 मरला से अधिक हैं. विशेष रूप से, एसआईऐ ने जम्मू कश्मीर में 188 जमात-ए इस्लामी की संपत्तियों की पहचान की है जिन्हें या तो अधिसूचित किया गया है या आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अधिसूचित किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई हैं.

रिहायशी मकान को भी किया कुर्क

अधिकारियों ने बताया कि ऐसा समझा जाता है कि इस मकान को 1990 के दशक में जमात-ए-इस्लामी द्वारा खरीदा गया था और यह गिलानी (जेईआई) के नाम से रजिस्टर्ड था. उन्होंने कहा कि गिलानी 2000 की शुरुआत तक इस मकान में रहते थे और फिर वह शहर के हैदरपुरा इलाके में रहने चले गए थे. पिछले साल सितंबर में उनका निधन हो गया था. अधिकारियों के मुताबिक, बाद में यह मकान जेईआई के अमीर (प्रमुख) के आवास के रूप में उपयोग में लाया जाने लगा. उन्होंने बताया कि एसआईए ने बारजूला इलाके में ही एक अन्य रिहायशी मकान को भी कुर्क किया है.

आतंकियों का फंडिंग रोकना मकसद

अधिकारियों के मुताबिक, एसआईए की यह कार्रवाई प्रतिबंधित संगठन जेईआई से जुड़ी संपत्तियों की कुर्की का हिस्सा है. अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई बाटमालू थाने में दर्ज की गई एक प्राथमिकी की जांच का नतीजा है. एसआईए इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि इस कदम का मकसद अलगाववादी गतिविधियों के लिए धनराशि की उपलब्धता का मार्ग बंद करना और भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बने राष्ट्र विरोधी तत्वों और आतंकवादियों के नेटवर्क को ध्वस्त करना है.

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