हिमाचल -अभिभावकों की सहमति से तय होगी निजी स्कूलों में फीस, नहीं बेच पाएंगे कॉपियां-किताबें

हिमाचल -अभिभावकों की सहमति से तय होगी निजी स्कूलों में फीस, नहीं बेच पाएंगे कॉपियां-किताबें

हिमाचल के निजी स्कूलों की भारी-भरकम फीस का बोझ उठा रहे अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए निजी स्कूलों में फीस ढांचा अभिभावकों की सहमति से तय होगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी निजी स्कूलों को फीस तय करने के लिए दिसंबर में आम सभा करने के निर्देश दिए हैं।

इसमें तय होने वाली फीस और कक्षा वार पुस्तकों को भी इसी माह स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने और वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है। इसके अलावा हर कक्षा में प्रवेश शुल्क वसूलने और स्कूल कैंपस में वर्दी, किताबें-कापियां और जूते बेचने पर भी रोक लगी है। इसके अलावा चिह्नित दुकानों से किताबें, कॉपियां, वर्दी-जूते खरीदने को भी अभिभावक बाध्य नहीं होंगे। इस साल मनमानी फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश में खूब प्रदर्शन हुए हैं।

जिला स्तर से सचिवालय तक विरोध रैलियां निकलीं। सरकार ने बीते कुछ माह में कई कदम भी उठाए, जिसके परिणामस्वरूप कई स्कूलों ने जहां फीस में कटौती करते हुए अगली किस्त में बढ़ी फीस एडजस्ट की, वहीं स्कूलों में खोली दुकानों में बंद करवाईं। अब नए सत्र से पहले शिक्षा मंत्री ने स्कूलों को निर्देशों का पालन करने को कहा है। हाईकोर्ट द्वारा जारी निर्देशानुसार स्कूल प्रबंधन को छात्रों से बिल्डिंग, डेवलेपमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड नहीं वसूलने को कहा है। फीस का ब्योरा निदेशालय को भी भेजने को कहा है।

टूअर और पिकनिक पर जाना न हो अनिवार्य

उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल टूअर और पिकनिक के नाम पर वसूल की जा रही धनराशि के संबंध में सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम अभिभावकों की सहमति से बनाए जाएं।

इस संदर्भ में एसडीएम को अवगत कराया जाए। टूअर और पिकनिक छात्रों के लिए अनिवार्य की जगह स्वैच्छिक किया जाए। इसमें बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।

इन निर्देशों की अनदेखी करने वाले स्कूलों के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई होगी। अनापत्ति प्रमाणपत्र तक रद्द कर दिए जाएंगे। स्कूलों के खिलाफ अधिनियम 1997 व नियम 2003 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी।– डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक 


विडियों समाचार