विश्व हिंदू परिषद का राम मंदिर अभियान खत्म, अब घर वापसी अभियान में जुटेगा संगठन

विश्व हिंदू परिषद का राम मंदिर अभियान खत्म, अब घर वापसी अभियान में जुटेगा संगठन

खास बातें

  • चंपत राय बोले राम मंदिर महज पड़ाव, घर वापसी स्थापना का उद्येश्य
  • अयोध्या विवाद पर जीत के बहाने बनाई व्यापक जनसंपर्क की योजना
  • नए मंदिर के शिलान्यास के दिन कारसेवा की भी तैयारी में है विहिप
  • राम मंदिर के निर्माण के लिए विहिप चंदा के जरिये जुटाएगी धन

राम मंदिर अभियान को अपनी परिणति तक पहुंचाने के बाद विश्व हिंदू परिषद जल्द ही अपने मूल एजेंडे घर वापसी अभियान पर नए सिरे से जुटेगी। विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय के मुताबिक विहिप की स्थापना का मूल उद्देश्य ही परावर्तन (घर वापसी) था। इसके अलावा विहिप ने अयोध्या विवाद में मिली जीत के बहाने व्यापक अभियान चलाने की तैयारी भी की है। इसके तहत राम मंदिर के निर्माण के पहले दिन कार सेवा कराने की योजना पर व्यापक विचार विमर्श हो रहा है।

राय ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन विहिप के लिए एक पड़ाव था, उसकी मंजिल हिंदुत्व को उसका पुराना गौरव वापस दिलाना है। संस्था की स्थापना का मूल उद्देश्य घर वापसी था। अब जबकि राम मंदिर की लड़ाई विहिप ने जीत ली है तब यह संस्था नए सिरे और पूरी ताकत से देश भर में घर वापसी अभियान शुरू करेगी।

इस दौरान राय ने स्पष्ट किया कि विहिप का दूसरे मत या धर्म को मानने या सनातन धर्म के अतिरिक्त अन्य पूजा पद्घति का विरोध नहीं है। जो हिंदू नहीं हैं, वो अपनी इच्छा और मत के अनुसार धार्मिक रास्ता अपनाए रख सकते हैं। हमारा इतना कहना है कि ऐसे लोगों भी हिंदुत्व संस्कृति-सभ्यता का सम्मान करना होगा। यह मानना होगा कि राम उनके भी पूर्वज थे, क्योंकि पांच से छह सौ साल पहले यहां कोई अन्य धर्म प्रभाव में था ही नहीं।

व्यापक जनसंपर्क की योजना

अयोध्या विवाद में सफलता के बाद राम मंदिर निर्माण के बहाने विहिप की योजना व्यापक देशव्यापी संपर्क अभियान चलाने की है। इस अभियान के तहत विहिप जहां मंदिर के लिए चंदा के जरिये धन जुटाएगी, वहीं नए मंदिर के शिलान्यास के दिन कार सेवा कराने पर भी संगठन में जबर्दस्त मंथन हो रहा है।

विहिप सूत्रों के मुताबिक योजना कम से कम उन पौने तीन लाख गांवों तक पहुंचने की है, जिन गांवों ने मंदिर अभियान के दौरान शिलापूजन अभियान में उपस्थति दर्ज कराई थी। इस दौरान 6.70 करोड़ लोगों से प्रति व्यक्ति सवा रुपये के चंदे से 8.25 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।


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