अयोध्या : जमीन को लेकर अब नहीं होगी कोई लिखा-पढ़ी, सीधे बनेगा राम मंदिर
खास बातें
- ट्रस्ट बनने के बाद केंद्र की ओर से मंदिर के लिए सौंपी जाएगी जमीन
- जब तक ट्रस्ट का गठन नहीं हो जाता, भूमि रिसीवर के कब्जे में रहेगी
- सुप्रीम कोर्ट ने रामलला को मान्यता देते हुए हक में सुनाया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में अब सीधे राम मंदिर बनेगा। केंद्र सरकार की ओर से बनाए जाने वाले ट्रस्ट को जमीन सौंपी जाएगी। इसके अलावा प्रथम दृष्टया इस जमीन को लेकर अब कोई अन्य लिखा-पढ़ी नहीं होनी है।
कोर्ट ने रामलला विराजमान को कानूनी मान्यता देते हुए विवादित भूमि 2.77 एकड़ का मालिकाना हक उनको सौंप दिया। राजस्व विभाग के अफसरों का मानना है कि जमीन विराजमान रामलला के पक्ष में बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सीधे सौंप दी जाएगी।
वहीं, जब तक ट्रस्ट नहीं बनता, भूमि रिसीवर के कब्जे में ही रहेगी। अधिगृहीत परिसर के रिसीवर व कमिश्नर मनोज मिश्र ने बताया कि जमीन केंद्र सरकार से बनने वाले ट्रस्ट को सीधे सौंप दी जाएगी। यह बात फैसले में लिखी है।
दूसरी बार अयोध्या में बैठाया गया स्पेशल अफसर
उन्होंने शिलादान कार्यक्रम शांतिपूर्ण संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। श्रीराम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संत परमहंस रामचंद्र दास से शिलाएं उन्होंने ही केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में प्राप्त करके मामले का पटाक्षेप कराया था।
इस बार अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फैसले को लेकर वरिष्ठ आईएएस अफसर व अयोध्या के पूर्व डीएम एमपी अग्रवाल को विशेष कार्याधिकारी बनाकर अयोध्या भेजा गया। फैसले के दौरान वह अयोध्या में ही डटे रहे।
वर्तमान कमिश्नर मनोज मिश्र के 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद एमपी अग्रवाल यहां के कमिश्नर होंगे। वह केंद्र सरकार के रिसीवर भी होंगे। उन्होंने परिसर का निरीक्षण करने के साथ तकनीकी जानकारियां भी लेनी शुरू कर दी हैं।